UN में भारत- पहलगाम हमले के बाद दिखी वैश्विक एकजुटता, आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस जरूरी
भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रदर्शित एकजुटता की सराहना की है। भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने इस हमले को लेकर कहा कि जिस प्रकार से दुनियाभर से भारत को समर्थन मिला, वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की स्पष्ट भावना को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान योजना पटेल ने कहा कि,
"पहलगाम आतंकी हमला, 26/11 के मुंबई हमले के बाद आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है। हम दशकों से सीमापार आतंकवाद के शिकार हैं, और हमें यह पूरी तरह से समझ है कि आतंकवादी घटनाओं का पीड़ितों, उनके परिवारों और समाज पर क्या असर पड़ता है।"
यह बयान इस तथ्य को सामने लाता है कि भारत वर्षों से आतंकवाद से जूझ रहा है और ऐसे हमले केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की संरचना को प्रभावित करते हैं।
विक्टिम ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क के कार्यक्रम में योजना पटेल ने यह भी कहा कि,
"पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से वैश्विक समुदाय ने भारत का समर्थन किया, वह न केवल हमलावरों के खिलाफ दृढ़ता को दिखाता है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और सहानुभूति का भी प्रतीक है।"
पहलगाम हमले के तुरंत बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस समेत कई वैश्विक नेताओं ने एकजुट होकर इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के प्रति अपनी पूरी सहानुभूति और समर्थन व्यक्त किया। यह समर्थन यह संकेत देता है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय की साझेदारी और कार्रवाई की भावना मजबूत हो रही है।
इसी दौरान, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी एक बयान जारी कर पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इस हमले में शामिल दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सुरक्षा परिषद ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए और दोषियों की जवाबदेही तय की जाए।
सुरक्षा परिषद ने सभी सदस्य देशों से अपील की कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत आतंकवाद से लड़ने के लिए सहयोग करें और आतंकवाद के खिलाफ समग्र अंतरराष्ट्रीय रणनीति पर काम करें। यह एक स्पष्ट संकेत है कि दुनिया आतंकवाद को एक वैश्विक समस्या मानती है और इसके खिलाफ मिलकर कार्रवाई करने की आवश्यकता को महसूस कर रही है।
भारत के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के अन्य देशों ने पहलगाम हमले के बाद एकजुटता दिखाई और यह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष को और मजबूत करता है। अब यह जरूरी है कि इन प्रतिबद्धताओं को वास्तविक कार्रवाई में बदला जाए ताकि आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस और प्रभावी कार्रवाई हो सके।