
"कांग्रेस के बयानों से BJP को मिलता है फायदा" – AAP नेता सौरभ भारद्वाज
दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी एकता को कमजोर करने में कांग्रेस की भूमिका रही है, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बार-बार राजनीतिक लाभ मिलता रहा है। भारद्वाज ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “जब भी विपक्ष ने केंद्र सरकार को किसी वास्तविक और गंभीर मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है, कांग्रेस के कुछ नेता ऐसे बयान दे देते हैं जो भाजपा को मुद्दे से ध्यान हटाने का मौका दे देते हैं। यह कोई पहली बार नहीं हो रहा, बल्कि कांग्रेस की यह आदत बन चुकी है। उन्होंने न केवल भाजपा की अप्रत्यक्ष रूप से मदद की है बल्कि इससे विपक्षी एकता को भी बार-बार ठेस पहुंची है।”
महिलाओं को ₹2,500 देने के वादे को बताया 'झूठ का पुलिंदा'
भारद्वाज ने भाजपा के उस वादे पर भी निशाना साधा, जिसमें दिल्ली चुनाव के दौरान महिलाओं को हर महीने ₹2,500 देने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि यह घोषणा केवल एक चुनावी जुमला थी, जिसे अब धीरे-धीरे पीछे लिया जा रहा है।
“प्रधानमंत्री ने दिल्ली की हर महिला को ₹2,500 मासिक देने की गारंटी दी थी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने इस वादे को दिल्ली की पहली कैबिनेट बैठक में पारित कराने का आश्वासन दिया था। कहा गया था कि 8 मार्च से पैसे मिलना शुरू हो जाएंगे। लेकिन अब हकीकत यह सामने आ रही है कि यह योजना केवल 21 वर्ष से ऊपर की महिलाओं के लिए है। फिर सवाल उठता है कि 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं से वोट क्यों लिए गए?”
AAP नेता ने आरोप लगाया कि यह योजना कई ऐसी शर्तों से जुड़ी है, जो इसका लाभ केवल सीमित वर्ग को ही दिलाएगी।
उन्होंने कहा, “अब बताया जा रहा है कि एक ही परिवार की एक महिला को पैसा मिलेगा, वो भी तब, जब उसके पास बीपीएल या राशन कार्ड हो। साथ ही, केवल उन्हीं महिलाओं को पैसा मिलेगा जिनके बच्चों का टीकाकरण हुआ है। ये सारे नियम तो पहले बताए ही नहीं गए थे। प्रधानमंत्री ने कभी यह स्पष्ट नहीं किया था कि योजना इतनी सीमित दायरे में होगी।”
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि “यह सरकार पहले दिन से ही जूते, साड़ी और नकदी जैसे प्रलोभन देकर सत्ता में आई थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद इतनी तेजी से अपनी विश्वसनीयता खो देने वाली शायद यह पहली सरकार है। अब खबरें यह भी आ रही हैं कि ₹2,500 की राशि भी पूरी एक साथ नहीं दी जाएगी, बल्कि कुछ हिस्सा रोक लिया जाएगा और बाकी सरकार के पास जमा रहेगा। क्या इसी तरीके से अब अधिकारियों और मंत्रियों के वेतन भी रोके जाएंगे?”
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