सुपरटेक घोटाला: बिल्डर-बैंक के बीच सांठगांठ, सुप्रीम कोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुपरटेक बिल्डर्स को बड़ा झटका देते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में उसकी परियोजनाओं की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने पाया कि बैंकों और बिल्डरों के बीच एक 'अपवित्र सांठगांठ' है, जिसके कारण घर खरीदारों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में कोर्ट ने सीबीआई को सात प्रारंभिक जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह सात मामलों की जांच शुरू करे, जिनमें से एक में एजेंसी सुपरटेक परियोजनाओं में उन बैंकों की भूमिका की जांच करेगी, जिन्होंने NCR और अन्य राज्यों में आवासीय परियोजनाओं के लिए सब्सिडी योजना के तहत 5000 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण दिया है। अन्य जांचों में एजेंसी 5 सरकारी प्राधिकरणों की भूमिका की जांच करेगी। इसके अलावा, सीबीआई उत्तर प्रदेश और हरियाणा की राज्य पुलिस से एसआईटी बनाएगी, क्योंकि जांच के लिए अधिकतम परियोजनाएं NCR में हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि बैंकों द्वारा घर खरीदारों से फ्लैटों पर कब्जा न होने के बावजूद EMI का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि यह स्थिति बिल्डरों और बैंकों की मिलीभगत का परिणाम है, जिसके कारण निर्दोष खरीदारों को नुकसान हो रहा है।
इस मामले में सीबीआई को दो सप्ताह के भीतर एक प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें यह बताया जाए कि वह इस मामले की जांच कैसे करेगी। साथ ही, कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की सबसे बड़ी संस्था और भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है कि वे जांच के लिए गठित एसआईटी को जरूरी मदद देने के लिए एक सप्ताह के भीतर अपने वरिष्ठतम अधिकारियों में से एक नोडल अधिकारी को नामित करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगा और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले की गहराई से जांच करेगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें सजा दिलवाएगा।