पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान कनेक्शन: हाशिम मूसा निकला पूर्व पाक सैन्य अधिकारी
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस नृशंस हमले में कुल 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अब तक की जांच में इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों की पहचान हो चुकी है—आदिल हुसैन ठोकर, ली भाई और हाशिम मूसा। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और विस्तृत जांच जारी है।
सबसे चौंकाने वाला नाम हाशिम मूसा का है, जिसका संबंध सीधे पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाशिम मूसा पहले पाकिस्तान की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) में कमांडर रह चुका है। पाकिस्तान की इस सुरक्षा इकाई का कार्य विशेष क्षेत्रों में रणनीतिक संचालन करना होता है, जिससे स्पष्ट है कि मूसा को हथियारों और गुरिल्ला रणनीति की गहरी जानकारी थी।
सूत्रों के मुताबिक, हाशिम मूसा को 'आसिफ फौजी' और 'सलमान' के नामों से भी जाना जाता है, और उसका नाम पहले भी कई आतंकवादी घटनाओं में सामने आ चुका है। यह संदिग्ध पहले ही भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।
अब जांच एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि क्या मूसा का संबंध 2023 में पुंछ-राजौरी सेक्टर में हुए उस कुख्यात हमले से था, जिसमें भारतीय सेना के 34 जवान शहीद हुए थे।
2023 में जब यह हमला हुआ था, उस समय सेना राजौरी और पुंछ के इलाकों में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चला रही थी। यह ऑपरेशन उस वर्ष के दौरान क्षेत्र में हुई छह आतंकवादी घटनाओं के बाद शुरू किया गया था। अचानक हुए इस हमले में आतंकियों ने घात लगाकर सेना के काफिले को निशाना बनाया था।
हाशिम मूसा की पृष्ठभूमि को देखते हुए अब यह आशंका और गहरा रही है कि वह लंबे समय से भारत के भीतर आतंकी नेटवर्क को संचालित करने में सक्रिय था। इस पूरे मामले से यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों के बीच तालमेल अब भी मजबूत बना हुआ है, और पाकिस्तान लगातार भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है।
भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां अब न सिर्फ हाशिम मूसा के नेटवर्क को खंगालने में जुटी हैं, बल्कि उसकी पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ भी लिंक खोजने में लगी हैं। वहीं, आम जनता और राजनेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
यह हमला भारत के लिए केवल एक सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को आतंकवाद के पनाहदाता के रूप में उजागर करने का एक और अवसर बन गया है। सरकार और एजेंसियों द्वारा की जा रही इस जांच से आने वाले दिनों में और भी कई खुलासे हो सकते हैं, जिससे पाकिस्तान की आतंकी नीतियों की परतें खुल सकती हैं।