पहलागाम हमले के बाद एक्शन में भारत, पाक रक्षा मंत्री का 'X' अकाउंट किया गया बंद
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। हमले को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट बंद कर दिया है। यह कदम भारत में आतंकी घटनाओं और उसके पीछे कथित तौर पर पाकिस्तान की भूमिका को लेकर बढ़ते रोष के बीच उठाया गया है। इससे पहले सोमवार को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर की दर्दनाक घटना के संदर्भ में पाकिस्तान-आधारित 16 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था। इन चैनलों पर भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक और भ्रामक सामग्री फैलाने का आरोप है। सामूहिक रूप से इन चैनलों के 6.3 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं, जिससे यह साफ होता है कि इनकी पहुंच व्यापक थी और इनका मकसद भारत के आंतरिक मामलों में अस्थिरता फैलाना था।
पाक रक्षा मंत्री का "कबूलनामा"
इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे अप्रत्यक्ष रूप से यह स्वीकार करते दिखाई दे रहे हैं कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकवादी समूहों को पनाह, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दी है। स्काई न्यूज की वरिष्ठ पत्रकार यल्दा हाकिम के साथ साक्षात्कार के दौरान जब आसिफ से सवाल किया गया कि क्या पाकिस्तान का आतंकी संगठनों को समर्थन देने का इतिहास रहा है, तो उन्होंने जवाब में कहा,
"हम लगभग तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं... और ब्रिटेन सहित पूरे पश्चिम के लिए। यह एक गलती थी और हमने इसकी भारी कीमत चुकाई है। अगर हमने सोवियत संघ और बाद में 9/11 के बाद के युद्धों में हिस्सा नहीं लिया होता, तो आज पाकिस्तान का रिकॉर्ड साफ होता।"
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से कई कड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें अटारी में स्थित भारत-पाकिस्तान के बीच का एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) बंद करना, SAARC वीजा छूट योजना (SVES) को निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 40 घंटे का समय देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के उच्चायोगों में तैनात अधिकारियों की संख्या भी सीमित की गई है।
इतना ही नहीं, भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि पर भी पुनर्विचार करते हुए, इसे रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह समझौता दशकों से भारत-पाक संबंधों की नींव में शामिल रहा है, और इसे रोकना भारत की गंभीर नाराज़गी और बदले हुए रणनीतिक दृष्टिकोण का स्पष्ट संकेत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले की निंदा की थी और देशवासियों को भरोसा दिलाया कि इस बर्बर हमले के पीछे शामिल आतंकियों और उनके मददगारों को “उनकी कल्पना से परे” सजा दी जाएगी।