
भारत-पाक टकराव तेज: पाकिस्तानी विमानों के लिए हवाई मार्ग बंद करने की तैयारी
भारत सरकार, पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कठोर रुख अपना रही है और अब रणनीतिक तौर पर बड़े फैसलों की तैयारी हो रही है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भारत अब पाकिस्तान के विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को बंद करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। यह कदम पाकिस्तान द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में लगातार संलिप्त रहने और आतंकवाद को परोक्ष समर्थन देने की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े उच्चस्तरीय अधिकारियों के बीच इस पर विचार-विमर्श तेज हो गया है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत न केवल अपने एयरस्पेस को पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद करने की योजना बना रहा है, बल्कि साथ ही पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों पर डॉक करने से रोकने के विकल्प पर भी काम कर रहा है। यह फैसला भारत की आर्थिक और सामरिक ताकत का उपयोग कर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से लिया जा सकता है, जिससे उसकी वैश्विक आवाजाही और व्यापार पर सीधा असर पड़े।
जानकारों का मानना है कि यदि भारत पाकिस्तानी विमानों के लिए एयरस्पेस बंद कर देता है, तो इससे पाकिस्तान को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़ेंगे, जैसे चीन या श्रीलंका के हवाई क्षेत्रों का उपयोग।
इससे न केवल उड़ानों का समय बढ़ेगा बल्कि ईंधन की लागत और संचालन व्यय में भी भारी वृद्धि होगी। इसका सीधा असर पाकिस्तान की पहले से जर्जर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, जो पहले ही विदेशी ऋण और डॉलर की कमी से जूझ रही है। रिपोर्टों में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में कई पाकिस्तानी एयरलाइंस पहले ही भारतीय एयरस्पेस से परहेज कर रही हैं, जिससे उनके उड़ान मार्ग अधिक जटिल और महंगे हो गए हैं।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी भारत के लिए अपने हवाई मार्ग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि भारत भी जल्द ही पलटवार कर सकता है।
इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को सुबह 11 बजे बुलाई गई है। यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि बीते सप्ताह नियमित कैबिनेट बैठक आयोजित नहीं की गई थी। केवल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक 23 अप्रैल को हुई थी, जिसमें आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई थी और कार्रवाई के संकेत दिए गए थे।
यह संभावित प्रतिबंध भारत की उस नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी दबाव बना रहा है और साथ ही रणनीतिक व कूटनीतिक स्तर पर कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों के खिलाफ भारत का यह रवैया आने वाले समय में और अधिक निर्णायक हो सकता है।
भारत के इन कदमों से साफ है कि वह अब केवल कूटनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि ठोस और प्रभावशाली कार्रवाई के जरिए यह दिखाना चाहता है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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