हरियाणा: बीजेपी को बड़ा झटका, पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने थामा कांग्रेस का हाथ

हरियाणा के चुनावी माहौल में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है। इस बीच बीजेपी को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। गुरुवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। हरियाणा यूथ कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी साझा की है। मनोहर लाल खट्टर फिलहाल केंद्र सरकार में एक ताकतवर मंत्री हैं , और हरियाणा की राजनीति में अब भी काफ़ी अच्छा रुतबा रखते है। हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा नायब सिंह सैनी को भी खट्टर के क़रीबी नेताओं में माना जाता है। ऐसे में खट्टर के परिवार से ही किसी का कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए एक झटके से कम नहीं है। रमित खट्टर के कांग्रेस जॉइन करते समय रोतहक के विधायक भारत भूषण बत्रा भी मौके पर मौजूद रहे।


रमित खट्टर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भाई जगदीश के बेटे हैं। 2020 में एक डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की पिटाई के मामले में रमित खट्टर का भी नाम सामने आया था। वन अधिकारी ने आरोप लगाया था कि जिस दौरान उनकी पिटाई हुई थी, तब रमित खट्टर भी मौके पर मौजूद थे। इस पूरे मामले को लेकर रमित ने अपनी सफ़ाई में कहा है कि वह अपना सारा ध्यान कारोबार में लगाते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को इस तरीक़े से देखना चाहिए कि वह पूर्व सीएम के रिश्तेदार हैं, और उनके दोस्त रजत के वन विभाग के साथ कुछ मसले रहे हैं।


कांग्रेस में ग़र्मजोशी से स्वागत


हरियाणा यूथ कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर लिखा, "मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस पार्टी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। रमित खट्टर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और अभी केंद्र सरकार में मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाई जगदीश के बेटे हैं। इधर, एक तरफ सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी हर संभव कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी (आप) भी अपनी जमीन तलाशती हुई नज़र आ रही है। लोकसभा चुनाव की तरह ही हरियाणा में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी से गठबंधन होना था, लेकिन सीट शेयरिंग समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर बात नहीं बन सकी। इसके बाद दोनों पार्टियां अलग-अलग उम्मीदवार उतारकर चुनावी जंग की तैयारी कर रही है।

रमित ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा था कि वह अपने मित्र के साथ चंडीगढ़ जा रहा थे, लेकिन दोस्त के किसी जरूरी काम के चलते वन विभाग के ऑफिस चले गए। गौरतलब है कि मनोहर लाल खट्टर का हरियाणा के पंजाबी समुदाय के बीच अच्छा प्रभाव माना जाता है। वह करनाल सीट से लोकसभा के सांसद भी हैं, जहां पंजाबी वर्ग की अच्छी आबादी है। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में भी पंजाबी समुदाय की बड़ी संख्या है। हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा की सभी 90 सीटों पर वोट पड़ने है। वहीं, वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।


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