खड़गे को लिखे ज़वाबी पत्र में बीजेपी ने ‘हेट स्पीच’ का नहीं दिया ज़वाब, कांग्रेस पर ही उठाए सवाल

राहुल गाँधी को जानलेवा धमकी देने को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र का बीजेपी ने जवाब दिया है। यह पत्र प्रधानमंत्री की ओर से नहीं, बीेजेपी  अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की ओर से आया है। जे.पी.नड्डा ने बुधवार को  खड़गे की चिंताओं पर बात न करते हुए उल्टा कांग्रेस पर आरोप मढ़ दिया। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं ने पीएम मोदी को अलग-अलग नामों से बुलाया है। 


बीते दिनों, राहुल गाँधी को लेकर बेहद आपत्तिजनक और हिंसक बयान देखने को मिले थे। भाजपा नेता तरविंदर मारवाह ने धमकी देते हुए कहा, ‘राहुल गांधी तुम्हारा हाल तुम्हारी दादी (इंदिरा गांधी) जैसा होगा।’ केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने तो राहुल गांधी को आतंकवादी नंबर-वन कहा। भाजपा के अन्य नेता और राज्यसभा सांसद अनिल बोंडे ने राहुल गांधी की जुबान को जला देने की बात कही थी। वहीं, शिवसेना(शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा कि राहुल गांधी की ज़ुबान काटने वाले को वह 11 लाख रुपये ईनाम में देंगे। फिर दूसरे बयान में गायकवाड़ ने कहा कि वो कांग्रेसी कुत्तों को दफ़न कर देंगे। हैरानी की बात यह है कि भाजपा की तरफ़ से अभी तक घटिया बयानों को लेकर कोई भी निंदा नहीं की गयी है। दूसरी तरफ़, नड्डा के ज़वाब में भी कांग्रेस पर आरोप ही लगाये गये।

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने अपनी प्रतिक्रिया में राहुल गांधी को एक ‘असफल उत्पाद’ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन्हें बाजार (राजनीति) में सफलता दिलाने के लिए अपने असफल उत्पाद को चमकाने की कोशिश कर रही है।

 



पीएम को कहे गए अपशब्द

नड्डा ने कहा कि सोनिया गांधी ने एक बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था। उस समय कांग्रेस राजनीति में मर्यादा का मूल्य क्यों भूल गई? पिछले 10 वर्षों में, कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ 110 बार अपशब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित किया है। पीएम मोदी को अपमानित करने में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी समान दोषी रहा है। नड्डा ने कहा, “स्वतंत्र भारत में किसी भी जन नेता का इतना अपमान नहीं हुआ जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी का किया है। और जो नेता प्रधानमंत्री के खिलाफ जितने अधिक अपशब्दों का प्रयोग करेगा, उसे उतने ही ऊंचे पद पर पदोन्नत किया जाता है। अगर मैं इसका उदाहरण देना शुरू कर दूं तो मुझे एक किताब लिखनी पड़ेगी।”

खड़गे ने पत्र में इस बात पर जोर दिया था कि आपत्तिजनक बयान देने वालों के खिलाफ बीजेपी की तरफ़ से सख़्त कानूनी कार्रवाई की जाए। ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है ताकि भारतीय राजनीति को ख़राब होने से रोका जा सके और कुछ भी अप्रिय न हो। खड़गे ने लिखा था, “मैं आपका ध्यान एक ऐसे मुद्दे की ओर आकर्षित करना चाहता हूं जो सीधे तौर पर लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा है। आपको पता होना चाहिए कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और असभ्य बयान दिए जा रहे हैं। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगियों के नेताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हिंसक भाषा भविष्य के लिए हानिकारक है। दुनिया हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के एक मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता को 'नंबर एक आतंकवादी' कह रहे हैं।''

लेकिन नड्डा के जवाब ने साफ कर दिया है कि वे पार्टी नेताओं के हिंसक बयानो में कुछ भी ग़लत नहीं समझते।



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