हड़ताली डॉक्टरों की पाँच में से तीन माँगों पर ममता का एक्शन, दो शीर्ष अधिकारी और पुलिस प्रमुख को हटाया

सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हड़ताली डॉक्टरों के बीच हुई बैठक के बाद, मंगलवार को सीएम ममता ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री ममता ने घोषणा की है कि वह हड़ताली डॉक्टरों की पाँच में से तीन मांगों पर कार्रवाई कर रही हैं। इन तीन मांगों में स्वास्थ्य विभाग के दो शीर्ष अधिकारियों और कोलकाता पुलिस प्रमुख को हटाना शामिल है। इसके साथ ही कोलकाता शहर के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख को भी हटा दिया जाएगा। वहीं, डॉक्टरों की तरफ़ से कहा गया है कि जब तक सरकार की तरफ़ से लिए गए निर्णयों को लेकर आधिकारिक तौर पर आदेश जारी नहीं किया जाएगा, तब तक वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। दूसरी तरफ़, मंगलवार को ममता सरकार कभी भी आधिकारिक तौर पर अपना आदेश जारी कर सकती है।


सोमवार को देर तक तक चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता ने कहा, “मुझे लगता है कि बैठक पॉजिटिव रही। मुझे यक़ीन है कि वे (हड़ताली डॉक्टर) भी ऐसा ही सोचते है।” बनर्जी ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों की 99 फ़ीसदी मांगे मान ली हैं, क्योंकि वे उनके छोटे छोटे भाई है। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि उन्होंने कहा है कि वे जाएंगे और चर्चा करेंगे, और फिर हड़ताल वापस लेनी है या नहीं, इसपर निर्णय करेंगे। लेकिन मैंने मरीज़ो की स्थिति का हवाला देते हुए, खासकर राज्य के कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, उनसे अनुरोध किया है कि वह हड़ताल को वापस लें, और काम पर लौट जाएं।

इधर, बैठक के बाद प्रदर्शन स्थल पर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। डॉक्टरों ने अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार करना, डॉक्टरों के 38 दिनों तक जारी प्रदर्शन का फल है। डॉक्टरों की तरफ़ से कहा गया कि उनका उद्देश्य अस्पताल में भ्रष्टाचार के गठजोड़ को नष्ट करना है, जो अभी भी बना हुआ है। अन्य प्रतिनिधियों में से एक ने कहा कि वे स्वास्थ्य सचिव को भी हटाने के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे।


अस्पताल के बुनियादी ढ़ाँचे में सुधार के लिए फंड


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल के बुनियादी ढ़ाँचे में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए 100 करोड़ रूपये की पेशकश की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन दो शीर्ष अधिकारियों को उनके पद से हटाया गया है, उन्हें कहीं और उचित स्थान पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सरकार की तरफ़ से ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें मामले को लेकर दोनों अधिकारियों पर ही भरोसा नहीं है, इसलिए सरकार ने डॉक्टरों की माँग को मान लिया। ममता की तरफ़ से कहा गया कि अधिकारियों का ट्रांसफर कर किसी का अपमान नहीं कर रहे है। अधिकारियों की तरफ़ से कुछ भी गलत नहीं किया गया है, और न ही वे अपने पद पर लंबे समय से है।




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