BJP की ट्रिपल इंजन सरकार, राजा इकबाल सिंह बने दिल्ली के नए मेयर, मिले 133 वोट

दिल्ली नगर निगम (MCD) में दो वर्षों के अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर वापसी कर ली है। सोमवार को हुए मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनावों में भाजपा के उम्मीदवारों ने भारी मतों से जीत दर्ज की। भाजपा पार्षद राजा इकबाल सिंह को मेयर पद के लिए 133 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मनदीप को मात्र 8 वोट हासिल हुए। डिप्टी मेयर पद पर भी भाजपा का दबदबा कायम रहा, जहां बेगमपुर वार्ड से पार्षद जयभगवान यादव विजयी हुए। जीत के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजा इकबाल सिंह ने कहा, "दिल्ली की जनता ने हमें नगर की समस्याओं को सुलझाने की जिम्मेदारी दी है। आम आदमी पार्टी पहले ही अपनी हार स्वीकार कर चुकी है। अब हमारा लक्ष्य है—भ्रष्टाचार का खात्मा और पिछले दो वर्षों से रुके पड़े कार्यों को शीघ्र पूरा करना।"


दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव से पहले आप (आम आदमी पार्टी) ने आरोप लगाया था कि बीजेपी अपने पार्षदों को डरा-धमका कर और लालच देकर अपनी ओर लाने की कोशिश कर रही है, जिससे पार्टी ने चुनाव से पीछे हटने का फैसला किया। आप का कहना है कि बीजेपी की इस रणनीति से उनका विश्वास उचट गया और इसलिए उन्होंने चुनाव से दूर रहने का निर्णय लिया। इसके बाद बीजेपी ने अपने मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवारों का ऐलान किया, जिनमें से राजा इकबाल सिंह को मेयर के तौर पर चुना गया।

राजा इकबाल सिंह, जिनकी राजनीतिक यात्रा अकाली दल से शुरू हुई थी, बीजेपी में अपनी तेज़ी से ऊंचाई तक पहुंचे हैं। उनके ससुर जीटीबी नगर से पार्षद रहे हैं, और उनका साला भी अकाली राजनीति में सक्रिय हैं। खुद राजा इकबाल सिंह भी जीटीबी नगर से पार्षद रह चुके हैं और सितंबर 2020 तक निगम के सिविल लाइंस जोन के प्रमुख थे। उस समय शिरोमणी अकाली दल ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में समर्थन वापस ले लिया था। पार्टी ने राजा इकबाल सिंह से अपने पदों से इस्तीफा देने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने इसे नकारते हुए पदों पर बने रहने का निर्णय लिया। इसके कुछ समय बाद, बीजेपी ने उन्हें उत्तर दिल्ली नगर निगम का मेयर नियुक्त किया। इस दौरान दिल्ली में अकाली राजनीति कमजोर पड़ रही थी और अकाली दल के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे थे, जिसका फायदा राजा इकबाल सिंह ने उठाया।

2020 में हनुमान जयंती के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हिंदू-मुस्लिम दंगा हुआ था। इस दौरान पुलिस ने 20 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से पांच को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। बीजेपी ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को अवैध निर्माणों के बारे में जानकारी दी, और नगर निगम के अधिकारियों ने 20 अप्रैल को इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया था। अधिकांश अवैध निर्माण मुस्लिम समुदाय से संबंधित थे। राजा इकबाल सिंह उस समय उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर थे। 

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