पहलगाम पर सवाल उठाने पर अमेरिका का ठोस रुख, पाकिस्तानी पत्रकार की बोलती बंद

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद दुनियाभर के नेताओं ने भारत के प्रति संवेदना जताई है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, और 20 से अधिक लोग घायल हुए। घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव गहराता जा रहा है। इस बीच, एक पाकिस्तानी पत्रकार ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान भड़काऊ और असंगत सवाल किया, जिसका प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने सधा हुआ लेकिन स्पष्ट जवाब दिया। 


टैमी ब्रूस ने कहा, "अमेरिका की स्थिति इस मामले पर पहले ही स्पष्ट की जा चुकी है। इस पर कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं की जाएगी।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और विदेश मंत्री इस विषय पर अपने विचार पहले ही साझा कर चुके हैं, और अमेरिका अब इस मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ेगा। इसके साथ ही ब्रूस ने इस हमले की निंदा करते हुए मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस जघन्य हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन करता है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ खड़े होने की बात कही है। राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर हमले पर दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा कि "भारत इस कायराना हमले के गुनहगारों और उनके मददगारों को जल्द ही सजा दिलाएगा, चाहे वे कहीं भी छिपे हों।"

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। हम हर आतंकी और उनके समर्थकों को खोजकर सजा देंगे, चाहे वे जहां भी छिपे हों।"

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