
"जैसे इस्राइल ने किया हमास का सफाया, भारत भी करे पाकिस्तान से हिसाब बराबर"
पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में हुए भीषण आतंकी हमले से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में आक्रोश फैल गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस नृशंस हमले की तीखी निंदा हो रही है। इसी बीच अमेरिका के पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर गहरे संदेह जताए हैं और पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया बयान को इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।
जनरल असीम मुनीर ने कुछ दिन पहले अपने एक भाषण में कहा था, "कश्मीर हमारी गर्दन की नस है और यह हमेशा रहेगी। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे।" इस बयान को आतंकी मानसिकता को खुली छूट देने वाला बताया जा रहा है।
माइकल रुबिन ने स्पष्ट कहा कि भारत को अब पाकिस्तान की "गर्दन काटने" की ज़रूरत है — यह वक्त कठोर कार्रवाई का है, न कि कूटनीतिक धैर्य का। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि पाकिस्तान लंबे समय से कई आतंकवादी संगठनों का गढ़ रहा है, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा भी शामिल है।” रुबिन के अनुसार, पाकिस्तान की कूटनीति ने पश्चिमी देशों को लंबे समय तक भ्रमित किया है, जिससे वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति कमजोर पड़ी है।
माइकल रुबिन ने पहलगाम हमले की तुलना 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के उस हमले से की जिसमें इस्राइल के निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि जैसे हमास ने यहूदियों को चुन-चुनकर मारा, उसी तरह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी अब भारत में छुट्टियां मना रहे निर्दोष मध्यमवर्गीय हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं।
रुबिन ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि भारत, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को एक आतंकवादी संगठन घोषित करने की पहल करे। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत के सभी सहयोगी देशों को इस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने जोड़ा, “अब भारत का कर्तव्य है कि वह ISI के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करे, जैसे इस्राइल ने हमास के साथ किया। जब तक ISI का ढांचा जिंदा है, तब तक ऐसे हमलों की आशंका बनी रहेगी।
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