मणिपुर में फिर से हिंसा भड़कने पर कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह से माँगा इस्तीफ़ा

मणिपुर में फिर से हिंसा भड़कने को लेकर कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा माँगा है। हिंसा के चलते पिछले 10 दिनों में 11 लोगों के मारे जाने की ख़बर है। 11 सितंबर को कांग्रेस ने कहा कि अमित शाह मणिपुर में हिंसा को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफ़ल रहे है। पार्टी प्रवक्ता और सोशल एंड डिजिटल मीडिया चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत, मणिपुर कांग्रेस प्रमुख के. मेघचंद्र, इनर मणिपुर से लोकसभा सदस्य ए. बिमोल अकोईजाम और मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी गिरीश चोडांकर ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफ़े की माँग की। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मणिपुर में हिंसा पिछले 16 महीनों से लगातार हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इतना भी समय नहीं है कि वह एक बार राज्य का दौरा कर आयें।


प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उन्हें गर्व है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी अब तक तीन बार मणिपुर होकर आ चुके है। वहां जाकर उन्होंने सभी से राज्य में फिर से शांति स्थापित किए जाने की अपील की। कांग्रेस ने पूछा कि ऐसा क्या कारण रहा है कि प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा रहे है। कांग्रेस ने बड़ी बात कहते हुए कहा कि इस बात की जाँच की जानी चाहिए कि पीएम मोदी क्यों मणिपुर नहीं जा रहे है। श्रीनेत ने पूछा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर आने से किसने रोका है? कांग्रेस प्रवक्ता ने तंज कस्ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कई देशों का दौरा कर चुके हैं, लेकिन किसी तरह उन्हें मणिपुर आने का समय नहीं मिल रहा है।


मणिपुर पर कांग्रेस

श्रीनेत ने कहा कि अब नागरिकों और गांवों को निशाना बनाने के लिए रॉकेट और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहाँ तक कि पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर रॉकेट से हमला किया गया। मणिपुर के राज्यपाल के घर पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। सुरक्षा बलों पर हमला किया गया और उनके हथियार छीनने की कोशिश की गई। हालत इतने बिगड़ चुके है कि मणिपुर के कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। युवा सड़कों पर हैं और मणिपुर में सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

सांसद अकोईजाम ने कहा कि आज़ादी के बाद भारत ने उस तरह की हिंसा नहीं देखी जो आज मणिपुर में देखी जा रही है। मणिपुर में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। हिंसा के चलते 60,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं, और राज्य में स्थिति विभाजन जैसी हो गयी है। उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री अपने देश की तुलना में दुनिया के दूसरे हिस्सों में संकटों और संघर्षों के बारे में ज़्यादा चिंतित हैं, शायद वह मणिपुर को देश का हिस्सा भी नहीं मानते है।” अकोईजाम ने कहा कि आज जो मणिपुर में हो रहा है, उसकी जिम्मेदार पूरी तरीके से भारत सरकार है।


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