ममता बनर्जी ने इस्तीफ़ा देने की पेशकश की, दो बार बुलाने के बावजूद वार्ता में शामिल नहीं हुए हड़ताली डॉक्टर

पश्चिम बंगाल सरकार और आंदोलनकारी  डॉक्टरों के बीच गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा। डॉक्टर सरकार के साथ वार्ता की लाइव स्ट्रीमिंग  पर अड़े रहे, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसके लिए राज़ी नहीं हुई। दो बार वार्ता की पेशकश खारिज होने  पर ममता ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश कर दी। उन्होंने कहा कि उन्हें पद की चिंता नहीं है, बल्कि न्याय की चिंता है।  न्याय मिले बस इसकी चिंता है। डॉक्टरों ने वार्ता के लिए 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पर जोर दिया था, जिसे ममता सरकार ने स्वीकार कर लिया। जबकि ममता सरकार की तरफ़ से शुरू में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अनुमति दी गयी थी, जिसे बढ़ाकर 15 कर दिया गया था। मीडिया को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि सरकार पिछले तीन दिनों से प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से चर्चा का इंतजार कर रही है। उन्होंने साफ़ किया कि वह हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। गौर करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री की तरफ़ से बातचीत के लिए पहले पहल की गयी है।


तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल का दो घंटे तक इंतजार किया। दो बार वार्ता  की पेशकश खारिज किए जाने के बाद भी सरकार की तरफ़ से बातचीत का प्रयास किया गया।  उनके (प्रतिनिधिमंडल) लिए सौहार्दपूर्ण समाधान से ज़्यादा ज़रूरी लाइव स्ट्रीमिंग है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जूनियर डॉक्टरों के 'काम बंद' विरोध के कारण 27 लोगों की मौत हो गई है और 7 लाख मरीज़ों को परेशानी उठानी पड़ी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद कोलकाता में विरोध प्रदर्शन 35वें दिन भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार डॉक्टरों से अपील कर चुकी है कि वे सभी काम पर वापस लौट जाएं। इधर, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी माँगे पूरी नहीं मान ली जाती है, तब तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।


बैठक को रिकॉर्ड किये जाने की व्यवस्था


बातचीत शुरू होने से पहले ही विफ़ल होने पर टीएमसी प्रमुख ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने लाइव स्ट्रीमिंग की बात कही थी, लेकिन सरकार की तरफ़ से बैठक को रिकॉर्ड करने की व्यवस्था पहले से ही की गयी थी। अगर भविष्य में सुप्रीम कोर्ट आदेश देगा, तो रिकॉर्डिंग को कोर्ट में भी पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा, “आरजी कर गतिरोध को समाप्त करने के लिए मैंने जूनियर डॉक्टरों से बातचीत करने की तीन बार कोशिश की। हमने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए 2 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए। मैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करूंगी, वे युवा हैं और हम उन्हें माफ कर देंगे, मैं खुले दिमाग से बैठक करना चाहती थी।”


बातचीत क्यों


पीड़िता को न्याय और डॉक्टरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कठोर क़ानून की माँग पर राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट तक आश्वासन दे चुका है, लेकिन दोनों के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा हुआ है। डॉक्टरों के काम पर न लौटने की वजह से कई मरीज़ों को बिना इलाज़ के वापस लौटना पड़ रहा है। ऐसे में ममता सरकार ने यह सोचकर पहल की कि वह डॉक्टरों के साथ खुलकर बात कर, उन्हें काम पर वापस लौटने के लिए राज़ी कर लेंगी। ममता बनर्जी ने कहा, “हमने 15 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मांगा था, लेकिन वे 34 डॉक्टरों के साथ आए और फिर भी हमने बैठक करने का फैसला किया। इसके बावजूद उन्होंने बैठक स्थल में प्रवेश करने से इनकार कर दिया। हमने बैठक को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अन्य शीर्ष अधिकारियों को नहीं बुलाया। इसके बाद भी बैठक नहीं हो सकी।”


For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article