केजरीवाल को ज़मानत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की कार्यशैली पर उठाये सवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कोर्ट ने 5 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था। केजरीवाल को ईडी केस में पहले ही जमानत मिली चुकी है।

केजरीवाल की जमानत पर कोर्ट ने शर्त रखी की केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे और किसी सरकारी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। केस से जुड़ी कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं करेंगे। जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे। साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल को 10 लाख रुपए का बॉन्ड भरने के लिए भी कहा है।

अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सीबीआई की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। जस्टिस भुइयां ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईडी मामले में निचली अदालत से मिली जमानत के बाद ही सीबीआई सक्रिय हुई। उसे 22 महीने तक गिरफ्तारी की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। ऐसी गिरफ्तारी पर सवाल उठते हैं। वहीं, जस्टिस कांत ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और इसमें कोई प्रक्रियागत अनियमितता नहीं थी।


सत्य की शक्ति से टूटे तानाशाह की जेल के ताले


दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि झूठ और साजिशों के खिलाफ लड़ाई में आज पुनः सत्य की जीत हुई है। एक बार पुनः नमन करता हूं बाबा साहेब अंबेडकर जी की सोच और दूरदर्शिता को, जिन्होंने 75 साल पहले ही आम आदमी को किसी भावी तानाशाह के मुकाबले के लिए मजबूत कर दिया था।

आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नहीं! आखिरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल को जेल की बेड़ियों से आजाद करने का फैसला सुना दिया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया।


पिछले सुनवाई के दौरान क्या हुआ था


5 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान केजरीवाल का पक्ष रखने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कहा था कि सीबीआई कहती है कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के ही आदेश में कहा गया है कि यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि आरोपित खुद को दोषी बता दे। केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि लाखों दस्तावेज और 5 चार्जशीट मौजूद हैं। गवाहों को प्रभावित करने का खतरा भी नहीं है। बेल की 3 जरूरी शर्तें हमारे पक्ष में हैं।

वहीं, सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को जमानत देता है, तो इससे दिल्ली हाई कोर्ट का मनोबल गिरेगा। जमानत का विरोध करते हुए उन्होंने कहा था कि किसी विशेष व्यक्ति के लिए विशेष व्यवहार नहीं हो सकता। कानून में कोई विशेष व्यक्ति नहीं है। अन्य सभी आम आदमी को पहले सत्र न्यायालय जाना पड़ता है, सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं।


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