राकेश टिकैत पर टिप्पणी को लेकर घिरीं इकरा हसन, बयान पर हिंदू संगठनों ने जताई कड़ी आपत्ति

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन आक्रोश रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत के साथ हुई धक्का-मुक्की के विरोध में एक महापंचायत आयोजित की गई। इस पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के साथ समाजवादी पार्टी के कई नेता भी मंच पर मौजूद थे, जिनमें मुजफ्फरनगर से सपा सांसद हरेंद्र मलिक, कैराना से सांसद इकरा हसन और मेरठ की सरधना सीट से विधायक अतुल प्रधान शामिल थे।


इस दौरान अपने संबोधन में सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि राकेश टिकैत समाज में एकता का संदेश देने के लिए जन आक्रोश रैली में गए थे, लेकिन उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह निंदनीय है। उन्होंने इस घटना को "आतंकी हरकत" करार देते हुए कहा कि ऐसा कृत्य करने वाले किसी आतंकवादी से कम नहीं हैं।

इकरा हसन के इस बयान पर हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोमवार को संयुक्त हिंदू मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अभिषेक सिंह से मुलाकात कर इकरा हसन पर कानूनी कार्रवाई की मांग की। संगठन के संस्थापक मनोज सैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "जो पाकिस्तान का विरोध करता है, उसे आतंकी बताने वाली सांसद पर आतंकवाद से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज होना चाहिए।" उन्होंने यह भी मांग की कि इकरा हसन के मोबाइल और बैंक खातों की जांच की जाए, ताकि उनके किसी आतंकी संगठन से संबंध की संभावना की पुष्टि की जा सके।

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने भी सपा सांसद को नसीहत दी। उन्होंने कहा, "इकरा हसन का बयान गलत है। उन्हें मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। वह सांसद हैं, उन्हें पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। संभव है कि यह बयान उन्होंने अति उत्साह में दे दिया हो, लेकिन इस तरह की बातें समाज में एकता को नुकसान पहुंचाती हैं।"

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