करनाल पहुंचे राहुल गांधी, पहलगाम हमले में शहीद नौसेना अधिकारी के घर पहुंचे
राहुल गांधी ने मंगलवार को हरियाणा के करनाल में उस परिवार से मुलाकात की, जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपना बेटा खो दिया। भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की 22 अप्रैल को हुए इस हमले में मृत्यु हो गई थी। राहुल गांधी, जो वर्तमान में लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, दोपहर करनाल पहुंचे और विनय नरवाल के घर जाकर उनके परिजनों से भेंट की। उनके साथ रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई अन्य पार्टी नेता भी मौजूद थे।
हालांकि राहुल गांधी और शहीद के परिजनों के बीच हुई बातचीत का विस्तृत विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन कांग्रेस ने इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। पार्टी ने अपने पोस्ट में बताया कि राहुल गांधी करनाल जाकर शहीद नौसेना अधिकारी विनय नरवाल के परिवार से मिले और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित बैसरन घाटी में आतंकियों द्वारा किया गया हमला बेहद भयावह था। यह इलाका पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन उस दिन खूबसूरत वादियों में आतंक का तांडव देखने को मिला। आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए नाम और धर्म पूछकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में 26 लोग मारे गए और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मारे गए लोगों में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे।
विनय नरवाल हरियाणा के करनाल जिले के निवासी थे और भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान में कोच्चि में तैनात थे। 26 वर्षीय विनय की शादी हाल ही में 16 अप्रैल 2025 को हिमांशी नाम की युवती से हुई थी। वे अपनी पत्नी के साथ हनीमून मनाने के लिए पहलगाम गए थे। दुर्भाग्यवश, वह यात्रा उनके जीवन की आखिरी बन गई। हमले के दौरान वे निहत्थे थे, फिर भी उन्होंने आतंकियों का साहसपूर्वक सामना किया और अपनी पत्नी की रक्षा करने का भरसक प्रयास किया।
उनकी बहादुरी को उनके परिवार, खासकर उनके दादा हवा सिंह ने सलाम किया और कहा कि विनय का बलिदान पूरे देश को गौरवान्वित करता है।
विनय की बहन सृष्टि और पत्नी हिमांशी ने सरकार से मांग की है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए, जिससे उनके बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिले।
विनय की पत्नी हिमांशी ने इस हमले के बाद एक भावुक अपील की, जिसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस हमले के नाम पर किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नफरत न फैलाएं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और निर्दोष लोगों को इसका शिकार नहीं बनाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर कुछ लोगों की ओर से ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने डटकर जवाब देने का निर्णय लिया है।
हरियाणा सरकार ने विनय के बलिदान को सम्मान देते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। यह निर्णय सरकार द्वारा उनके प्रति कृतज्ञता और समर्थन का प्रतीक माना जा रहा है।