
सीतारमण ने ADB अध्यक्ष से कहा- पाकिस्तान को मिल रही फंडिंग पर लगाएं ब्रेक
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एशियाई विकास बैंक (ADB) के अध्यक्ष मासातो कांडा से मुलाकात कर पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग में कटौती की मांग की है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह सीमा पार आतंकवाद को मिलने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष समर्थन को समाप्त करना चाहता है।
सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्री ने इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी से भी इसी मुद्दे पर चर्चा की और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता में कटौती की आवश्यकता पर जोर दिया। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था फिलहाल ADB और IMF जैसे संस्थानों के वित्तपोषण पर निर्भर है, जिससे वह जलवायु अनुकूलता, आधारभूत संरचना और वित्तीय स्थिरता से जुड़ी परियोजनाएं चलाता है।
भारत की यह मांग आतंकवाद के वित्तपोषण को बाधित करने के उसके व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। जानकारी के अनुसार, भारत जल्द ही IMF द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर भी आपत्ति दर्ज करवा सकता है। यह सौदा जुलाई 2024 में अंतिम रूप दिया गया था।
एक और प्रमुख पहल के तहत, भारत पाकिस्तान को फिर से वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रियता बढ़ा रहा है। इसके लिए भारत यूरोपीय देशों के साथ संपर्क में है और तर्क दे रहा है कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को समर्थन देने वाले देशों को फंडिंग के लिए कठोर मानदंडों का पालन करना चाहिए। साथ ही, वित्तीय सहायता के उपयोग में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपाय लागू किए हैं। इनमें राजनयिक संबंधों को न्यूनतम करना, भूमि सीमाओं को बंद करना, पाकिस्तान के एयरलाइनों को भारतीय हवाई क्षेत्र के उपयोग पर रोक, व्यापार और वीजा सेवाओं का निलंबन, और सिंधु जल संधि को स्थगित करना शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले को भारत की संप्रभुता पर हमला बताया और पाकिस्तान को "उचित जवाब" देने की बात दोहराई। इसके साथ ही, सुरक्षा बलों को पूरी ऑपरेशनल स्वतंत्रता दी गई है ताकि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
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