
आतंकवाद को करारा ज़वाब,पहलगाम हमले के बाद भी गुलमर्ग में कड़ी सुरक्षा के बीच पर्यटकों की आमद जारी
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी में पर्यटकों की आमद में गिरावट आई है। यह घटना पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई, हालांकि उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की संख्या में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं आई है। गुलमर्ग की आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ और विश्व प्रसिद्ध गुलमर्ग गोंडोला (केबल कार) पर्यटकों को अभी भी अपनी ओर खींच रहे हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने गुलमर्ग में सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके।
22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के बैसारन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे और एक स्थानीय गाइड भी शिकार हुआ था। इस दुखद घटना ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया, और कश्मीर घाटी में सुरक्षा के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया। इसके कारण कई पर्यटकों ने कश्मीर को छोड़ने का फैसला किया, हालांकि गुलमर्ग में पर्यटकों का आना अब भी जारी है।
गुलमर्ग, जिसे कश्मीर घाटी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है, में सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। बारामुला जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) गुरिंदर पाल सिंह ने रविवार को बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुलमर्ग में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई है, और यह सुनिश्चित किया गया है कि पर्यटकों को कोई भी असुविधा न हो।
यह समीक्षा न केवल पहलगाम हमले की घटना के संदर्भ में की गई है, बल्कि भीड़ प्रबंधन, आग पर नियंत्रण, बिजली की आपूर्ति में व्यवधान, और गोंडोला के संचालन के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति को ध्यान में रखते हुए भी की गई है।
गुलमर्ग में प्रतिदिन 3000 से 5000 पर्यटक गोंडोला का आनंद लेते हैं, जो कश्मीर पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण है। यह गुलमर्ग गोंडोला, जो एशिया का सबसे ऊंचा रोपवे है, समुद्र तल से 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल माना जाता है। एसएसपी ने इस बात की पुष्टि की कि अब तक सुरक्षा में कोई गंभीर चुनौती सामने नहीं आई है, और अगर भविष्य में कोई खतरा उत्पन्न होता है, तो उससे निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। सुरक्षा बलों ने यह सुनिश्चित किया है कि पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
गुलमर्ग की भौगोलिक स्थिति भी इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है। यह पीर पंजाल पर्वतमाला के पास स्थित है और श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गुलमर्ग गर्मियों में अपनी हरी-भरी वादियों और सर्दियों में बर्फ से ढकी भूमि के कारण पर्यटकों के लिए एक स्वर्ग जैसा स्थल बन जाता है। इसकी खूबसूरती और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है और यह कश्मीर पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
एसएसपी गुरिंदर पाल सिंह ने यह भी आश्वस्त किया कि स्थानीय प्रशासन से उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है और सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पहलगाम और गुलमर्ग दोनों ही कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे प्रमुख यात्रा स्थल रहे हैं। जबकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पर्यटकों को शॉक किया है, गुलमर्ग अब भी कश्मीर पर्यटन की उम्मीद और मजबूती का प्रतीक बना हुआ है।
इस प्रकार, कश्मीर पर्यटन को फिर से बढ़ावा देने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हैं और लगातार इस क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा कर रही हैं।
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download