‘हम आपके साथ हैं’ – रेवंत रेड्डी की पीएम से अपील, कहा- ‘पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दीजिए’

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार (25 अप्रैल) को हैदराबाद में एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद समेत कई अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। इस कैंडल मार्च के माध्यम से नेताओं और आम नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया और हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार को दिया समर्थन

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि देश अब और चुप नहीं रह सकता। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आतंकवादियों और पाकिस्तान के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने की अपील की। रेवंत रेड्डी ने कहा, "आज समय आ गया है कि केंद्र सरकार पूरी ताकत के साथ जवाब दे। अगर पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत में मिलाने के लिए कदम उठाना पड़े, तो पीछे नहीं हटना चाहिए।" रेड्डी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि किस तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाई थी और उन्हें 'दुर्गा' की उपाधि दी गई थी। उन्होंने पीएम मोदी से भी आह्वान किया, "आप दुर्गा माता के भक्त हैं, आज देश को भी वैसी ही निर्णायक शक्ति की जरूरत है। पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दीजिए, पीओके को भारत में मिला दीजिए। देश के 140 करोड़ लोग आपके साथ हैं। अब वक्त समझौते का नहीं, बल्कि मुंहतोड़ जवाब देने का है।"

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस अवसर पर आतंकवाद की कड़ी निंदा की और सरकार को समर्थन का भरोसा दिया। ओवैसी ने प्रधानमंत्री के उस बयान का स्वागत किया जिसमें आतंकियों और उनके आकाओं को सख्त सजा देने की बात कही गई थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। जब तक आतंकियों को उनके अपराधों की कठोर सजा नहीं मिलेगी और जवाबदेही तय नहीं की जाएगी, तब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा।" 

ओवैसी ने आगे कहा, "राष्ट्रहित सर्वोपरि है। चाहे सरकार जो भी कदम उठाए, एआईएमआईएम उसका समर्थन करेगी। यह समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर देश की एकता और सुरक्षा के लिए एकजुट होने का है।" पहलगाम हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जा रही हैं। हर गली, हर शहर में नागरिक आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं और सरकार से आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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