
मानसून सत्र: ‘मुझे बोलने नहीं दिया गया’- राहुल गांधी का पीएम मोदी से सीधा हमला
संसद के मानसून सत्र 2025 की शुरुआत सोमवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तत्काल चर्चा की मांग की, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सत्र के पहले ही दिन कुछ ही मिनटों बाद दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा- राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबा रही है। उन्होंने कहा, “सवाल यह है कि सरकार के मंत्री सदन में बोल सकते हैं, लेकिन जब विपक्ष कुछ कहना चाहता है तो अनुमति नहीं मिलती। मैं विपक्ष का नेता हूं, मगर मुझे बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। ये नया अप्रोच है। प्रधानमंत्री मोदी एक सेकंड में सदन से बाहर चले गए, कोई चर्चा नहीं की। अगर सरकार के लोगों को बोलने की आज़ादी है, तो विपक्ष को भी बोलने का अधिकार मिलना चाहिए।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि अगर सरकार चर्चा के लिए तैयार है, तो फिर विपक्ष के नेता को बोलने से रोका क्यों जा रहा है। उन्होंने कहा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता को बोलने क्यों नहीं दिया जा रहा है? जब वो खड़े हैं बोलने के लिए, तो उन्हें बोलने देना चाहिए।”
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर किया पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी का इरादा सत्र को बाधित करना है। उन्होंने कहा:
“वो सशस्त्र बलों के शौर्य पर चर्चा ही नहीं होने देना चाहते। प्रश्नकाल में बार-बार बाधा डालना ठीक नहीं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा था कि प्रश्नकाल के बाद उन्हें बोलने का अवसर मिलेगा, लेकिन विपक्ष ने जानबूझकर व्यवधान डाला।”
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने भी विपक्ष के व्यवहार को पूर्वनियोजित बताया। उन्होंने कहा:
“अध्यक्ष ने बार-बार स्पष्ट किया कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है। रक्षा मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री ने भी यही दोहराया, लेकिन विपक्ष ने फिर भी कामकाज नहीं होने दिया। यह एक सोची-समझी रणनीति लगती है।”
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