संसद का मानसून सत्र आज से शुरू: ये बिल होंगे पेश, इन मुद्दों पर छिड़ेगी सियासी जंग

संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और राजनीतिक हलचलों के लिहाज़ से यह सत्र बेहद अहम माना जा रहा है। सरकार की ओर से पहले ही संकेत मिल चुके हैं कि इस बार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस की संभावनाएं सामने आईं, जिससे स्पष्ट है कि इस बार सदन में राजनीतिक तापमान उच्च रहेगा।


मानसून सत्र में पेश हो सकते हैं 8 प्रमुख विधेयक

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इस सत्र में कुल 16 विधेयक पेश कर सकती है। इनमें प्रमुख बिल हैं: मर्चेंडाइज पेट्रोलियम बिल,  इंडियन पोर्ट्स बिल 2025,  कोस्टल शिपिंग रेगुलेशन बिल,  नेशनल स्पोर्ट्स कन्वेंशन बिल,  नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक,  जीएसटी (संशोधन) बिल,  आईआईएम (संशोधन) बिल और टैक्सेशन से संबंधित संशोधन बिल शामिल हैं।  इन विधेयकों के जरिए सरकार की कोशिश आर्थिक सुधारों, खेल नीति, शिक्षा और कर व्यवस्था में बदलाव लाने की होगी। खास बात यह है कि कई विधेयक लंबे समय से लंबित हैं, जिन पर अब संसद की मुहर लगने की संभावना है।

ऑपरेशन सिन्दूर पर हो सकती है तीखी बहस

सत्र के दौरान सबसे अधिक चर्चा ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को लेकर होने की संभावना है। सर्वदलीय बैठक में कई विपक्षी दलों ने सरकार से इस विषय पर विस्तृत चर्चा की मांग की। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार को पहलगाम हमले की पारदर्शिता से जानकारी देनी चाहिए। माना जा रहा है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं जवाब दे सकते हैं। इसके अलावा मणिपुर हिंसा और सरकार की प्रतिक्रिया,  हिंदी-मराठी भाषा विवाद, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल जैसे कही मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर दिए गए बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को गर्मा दिया है। पीएम मोदी की हालिया सफाई के बावजूद, भारत के रुख पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर भी संसद के भीतर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है। बिहार में चल रही Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग और बीजेपी पर वोटर सूची में धांधली के गंभीर आरोप लगा रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन संसद में भी इसे लेकर जोरदार बहस की संभावना है।

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