भाषा विवाद पर ठाकरे भाइयों की संयुक्त अपील, 5 जुलाई को जनसभा में पहुंचने का आग्रह

महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर चल रहा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर राज्य की दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों—शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)—ने पहली बार हाथ मिलाया है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने सोमवार को संयुक्त रूप से एक पत्र जारी करते हुए मराठी लोगों को 5 जुलाई को आयोजित होने वाली जनसभा में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।


दोनों ठाकरे नेताओं ने अपने पत्र में मराठी जनमानस को संबोधित करते हुए लिखा, “आवाज़ मराठी का! मराठी माताओं, बहनों और भाइयों… क्या आपने सरकार को झुकाया? हां, आपने झुकाया! और किसने झुकाया? आप ही थे। हम तो सिर्फ आपकी तरफ से संघर्ष कर रहे थे। यह उत्सव आपका है, हम केवल आयोजक हैं। नाचते-गाते और गुलाल उड़ाते हुए आइए। हम आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।” – राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षरित पत्र से उद्धरण

इस बीच, मराठी भाषा की वकालत के नाम पर मनसे कार्यकर्ताओं की हिंसक कार्रवाई का मामला भी सामने आया है। मुंबई के मीरा रोड स्थित एक फास्ट फूड रेस्तरां में मराठी न बोलने पर एक कर्मचारी के साथ मारपीट की गई। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कर्मचारी को थप्पड़ मारे जा रहे हैं और अपशब्द कहे जा रहे हैं। 

यह घटना सोमवार रात की बताई जा रही है और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। पीड़ित कर्मचारी पर कथित रूप से मराठी में बात न करने के कारण हमला किया गया। मामले में अन्य राजनीतिक दलों ने भी मनसे की गुंडागर्दी की आलोचना की है और इसे भाषा के नाम पर हिंसा करार दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक मंच पर आना राज्य की भाषा और पहचान की राजनीति में एक नए मोड़ का संकेत हो सकता है। दोनों पार्टियां अब मराठी अस्मिता के मुद्दे को एकजुट होकर जनता के बीच ले जाने की तैयारी में हैं।

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