
Maharashtra: क्या फिर साथ आएंगे शरद और अजित पवार? एनसीपी में विलय की सुगबुगाहट
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी के संभावित विलय को लेकर अटकलें ज़ोर पकड़ रही हैं। इसकी वजह दोनों धड़ों के नेताओं—अजित पवार और शरद पवार—का हाल के दिनों में कई सार्वजनिक मंचों पर साथ नजर आना है। इसी बीच एनसीपी-एसपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने बुधवार, 14 मई को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की एक अहम बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि यह बैठक संभावित एकीकरण पर मंथन और पार्टी के भविष्य की रणनीति तय करने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता और सांसद चाहते हैं कि अजित पवार को साथ लेकर आगे बढ़ा जाए। उनके मुताबिक अजित पवार न सिर्फ सत्ता में हैं, बल्कि उन्होंने अब तक एनसीपी-एसपी के कई नेताओं की मदद भी की है। यह सहयोग सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। शरद पवार भी हाल ही में एनसीपी के दोनों गुटों के एक होने की संभावना पर बयान दे चुके हैं।
उन्होंने कहा था, "अगर दोनों एनसीपी फिर से एकजुट होती हैं तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन अंतिम फैसला सुप्रिया सुले का होगा।" उनके इस बयान के बाद विलय की अटकलों को और बल मिला है।
राज्य के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी-एसपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने भी इन अटकलों पर प्रतिक्रिया दी है, जिससे साफ है कि पार्टी के भीतर यह मुद्दा गंभीरता से विचाराधीन है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर दोनों गुटों का विलय होता है, तो यह न केवल एनसीपी के लिए बल्कि महाराष्ट्र की पूरी राजनीतिक तस्वीर के लिए एक बड़ा मोड़ होगा। इससे महा विकास आघाड़ी (MVA) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों की रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।
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