
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की बुरी तरह फजीहत, UNSC में कोई समर्थन नहीं मिला
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं। इसी बीच, स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बंद कमरे में विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की मांग खुद पाकिस्तान ने की थी, लेकिन इस वैश्विक मंच पर उसी को तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, न्यूयॉर्क में आयोजित इस अनौपचारिक सत्र में पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये पर सवाल उठाए गए।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, 15 सदस्यीय इस क्लोज डोर मीटिंग में जब पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की, तो कई देशों ने पलटकर उसी से पूछ लिया कि क्या इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन की संलिप्तता की संभावना है? बैठक के दौरान कई सदस्य देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
विशेष रूप से इस बात पर चिंता जताई गई कि इस्लामी कट्टरपंथ के चलते धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाकर मारा गया, जिसे एक अत्यंत निंदनीय और अमानवीय कृत्य बताया गया।
बैठक में पाकिस्तान की तथाकथित शांति की पहल और उसकी युद्ध भड़काने वाली गतिविधियों के बीच विरोधाभास को लेकर भी चर्चा हुई। सदस्यों ने चिंता जताई कि एक ओर पाकिस्तान बातचीत की बात करता है, वहीं दूसरी ओर मिसाइल परीक्षण और परमाणु हथियारों पर बयानबाजी से क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा रहा है।
कई देशों ने पाकिस्तान के "फॉल्स नैरेटिव" को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और स्पष्ट रूप से कहा कि उसे आतंकवाद को संरक्षण देने की अपनी नीति की समीक्षा करनी होगी।
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