
ढाका में दुर्गा मंदिर गिराए जाने पर भारत नाराज़, हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर उठाए सवाल
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हाल ही में एक दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बांग्लादेश सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों की पूरी सुरक्षा करे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सभी मुद्दों पर शांतिपूर्ण और सकारात्मक बातचीत के लिए तैयार है।
जायसवाल ने कहा कि ढाका के खिल खेत क्षेत्र में एक दुर्गा मंदिर को चरमपंथियों के दबाव में ध्वस्त किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी प्रशासन ने सुरक्षा देने के बजाय मंदिर गिराने की घटना को ‘अवैध भूमि उपयोग’ का मामला बताया। जायसवाल ने कहा,
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं, और यह चिंता का विषय है।"
भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 में हुई गंगा जल बंटवारा संधि अगले वर्ष समाप्त हो रही है। इस संबंध में दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने वाली है।
जायसवाल ने कहा, “नई दिल्ली सभी द्विपक्षीय मामलों पर ढाका के साथ खुले, शांतिपूर्ण और लाभकारी संवाद के लिए तैयार है।”
1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच हुए इस समझौते को ‘आपसी सहमति’ से 30 साल बाद नवीनीकृत किया जा सकता है। 2026 में इसका नवीनीकरण प्रस्तावित है और इसे लेकर अब तक कई स्तरों पर बातचीत हो चुकी है।
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