
Maharashtra: मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने पर बढ़ा विवाद, अजित पवार ने मुस्लिम नेताओं से की बातचीत
मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बुधवार सुबह करीब 8:30 बजे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य केंद्र मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर हाल ही में उठे विवाद रहे। इसमें विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें एनसीपी के सना मालिक, नवाब मलिक, जीशान सिद्दीकी, सिद्धार्थ कांबले, सपा विधायक अबू आज़मी, AIMIM के वारिस पठान, डीजीपी रश्मि शुक्ला और मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
मुस्लिम संगठनों ने बैठक में आरोप लगाया कि हाल के दिनों में पुलिस द्वारा मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को बिना पूर्व सूचना के जबरन हटाया जा रहा है। संगठनों ने कहा कि हाईकोर्ट ने ध्वनि सीमा को 45 से 56 डेसिबल तक सीमित किया है, लेकिन पुलिस द्वारा किसी तकनीकी जांच या चेतावनी के बिना सीधे कार्रवाई की जा रही है, जो पूरी तरह अनुचित है।
प्रतिनिधियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई मस्जिद निर्धारित मानकों का उल्लंघन करती है, तो पहले नोटिस जारी किया जाए या फिर लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया अपनाई जाए, न कि सीधी हटाने की कार्रवाई।
सपा नेता अबू आज़मी ने बैठक के दौरान भाजपा नेता किरीट सोमैया पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि सोमैया ने ही इस मुद्दे को भड़काया है और मुस्लिम बहुल इलाकों—खासकर गोवंडी—में जाकर पुलिस पर लाउडस्पीकर हटाने का दबाव बना रहे हैं। संगठनों का दावा है कि स्थानीय पुलिस राजनीतिक दबाव में कार्रवाई कर रही है।
मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस मुद्दे पर निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष रुख अपनाएंगे। संगठनों का मानना है कि विशालगढ़ में घर गिराने की कार्रवाई, सतारा में मुस्लिम युवक की हत्या और मीरा रोड दंगों जैसे मामलों में पवार का रुख संतुलित और संविधानसम्मत रहा है।
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