
'असली शिवसेना' पर छिड़ा सियासी संग्राम, संजय राउत बोले- शिंदे को मिला सत्ता का सर्टिफिकेट, जनता का नहीं
महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। शिवसेना की ‘असली पहचान’ को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे खेमे के बीच बयानबाज़ी तेज हो गई है। शिवसेना के स्थापना दिवस पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने जहां अपनी पार्टी को ‘असली शिवसेना’ बताया, वहीं शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने पलटवार करते हुए शिंदे गुट पर तीखा हमला बोला।
संजय राउत ने कहा, “एकनाथ शिंदे की शिवसेना को ‘असली शिवसेना’ कहना और अमित शाह द्वारा प्रमाण पत्र देना वैसा ही है जैसे अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी को रामदास अठावले की पार्टी कहना। महाराष्ट्र की जनता ने साफ कर दिया है कि असली शिवसेना कौन सी है। चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर विधायकों को जिताने से कोई असली नहीं हो जाता।”
उन्होंने शिंदे पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा, “अमित शाह के दबाव और धनबल के सहारे एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर कब्जा किया है। यह एक अस्थायी सत्ता है। दिल्ली में सरकार बदलेगी तो ये लोग भी चले जाएंगे। शिंदे को यह नहीं भूलना चाहिए कि एक समय बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें जेल जाने से बचाया था। आज उन्होंने उसी शिवसेना को तोड़ दिया — यह विश्वासघात है।”
इससे पहले 19 जून को पार्टी के 59वें स्थापना दिवस के मौके पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उनकी पार्टी ही असली शिवसेना है। उन्होंने कहा, “यह हमारी पार्टी का 59वां स्थापना दिवस है। कुछ लोग एक और सभा कर रहे हैं, लेकिन वह सत्ता के लिए मजबूरी की सभा है। हमारी शिवसेना बालासाहेब के विचारों की सच्ची उत्तराधिकारी है। हमारे पास धनुष-बाण का चिन्ह है, जनसमर्थन है और आत्मविश्वास भी।” शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा, “जिन कांग्रेसियों का बालासाहेब ने विरोध किया, उन्हीं की गोद में कुछ लोग सत्ता के लिए बैठ गए। यह विचारों से समझौता है। उनके पास अब सिर्फ अहंकार बचा है।”
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