इजरायल ने 9 वैज्ञानिकों को मार गिराया, ईरान ने कहा- 'हम भी पीछे नहीं हटेंगे।'

इजरायल ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर किए गए हमलों के बाद एक बड़ा दावा किया है। इजरायली सेना ने कहा कि इन हमलों में 9 प्रमुख ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं, जो ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। सेना के प्रवक्ता ने कहा, "ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत की गई कार्रवाई में हमने उन वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को निशाना बनाया जो ईरान के घातक हथियार कार्यक्रम का हिस्सा थे। यह ईरान की परमाणु क्षमता के खिलाफ हमारी कड़ी प्रतिक्रिया है।" मारे गए वैज्ञानिकों के नामों की सूची भी जारी की गई है। इजरायली सेना ने इसे ईरानी शासन के लिए एक बड़ी चेतावनी बताया। सेना के मुताबिक, यह हमला खुफिया निदेशालय से प्राप्त सटीक जानकारी के आधार पर किया गया, जिसमें ईरान की परमाणु परियोजनाओं के प्रमुख केंद्र और वैज्ञानिकों के स्थानों की जानकारी शामिल थी। 


इजरायल ने कहा कि यह कार्रवाई ईरानी परमाणु कार्यक्रम को निर्णायक झटका देने और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए की गई है। इस बीच, ईरान ने भी इजरायल पर तीखा पलटवार किया। शनिवार सुबह, ईरान ने ड्रोन और मिसाइलों से इजरायल पर हमला किया, जिसमें यरुशलम और तेल अवीव में बड़े विस्फोट हुए। इन हमलों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए। ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल के कई प्रमुख सैन्य और औद्योगिक ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ने इजरायली हमलों की निंदा करते हुए बताया कि इन हमलों में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल हैं। इसके अलावा, 320 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इन हमलों के लिए इजरायल और अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह कार्रवाई उनकी परमाणु परियोजनाओं और संप्रभुता पर सीधा हमला है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी ईरानी खतरे को खत्म करना है। उन्होंने ईरानी नागरिकों से अपील की कि वे अपने नेताओं के खिलाफ खड़े हों। नेतन्याहू ने कहा, "ईरान को समझना होगा कि उसके किसी भी आक्रामक कदम का जवाब दिया जाएगा। हमारा मिशन इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।"

 पश्चिम एशिया में इस बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से तनाव को कम करने का आग्रह किया है। हालांकि, दोनों देशों ने अपने हमले जारी रखने की बात कही है, जिससे एक और लंबे और घातक संघर्ष की संभावना बढ़ गई है। यह घटनाक्रम उस समय हो रहा है जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। इजरायल के हमलों ने इन वार्ताओं को और जटिल बना दिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इन हमलों के बाद अब किसी भी तरह की वार्ता निरर्थक है। 

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