इजरायल-ईरान टकराव पर बोले उमर अब्दुल्ला, भारत पर पड़ेगा इसका असर, पश्चिम की चुप्पी खतरनाक

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईरान पर इजरायल की सैन्य कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस हमले का असर सिर्फ पश्चिम एशिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह भारत सहित पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा—चाहे वह ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो, शेयर बाजार की अस्थिरता या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही।


मीडिया से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जहां तक मुझे जानकारी है, ईरान ने इजरायल को कोई उकसावा नहीं दिया था। इसके बावजूद इजरायल ने पूर्व-आक्रमण के नाम पर एक संप्रभु राष्ट्र पर युद्ध छेड़ दिया। यह वही है जो रूस ने यूक्रेन के खिलाफ किया था।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी देश—खासकर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन—खुले तौर पर आलोचना करते हैं, तो इजरायल के इस हमले पर उनकी चुप्पी क्यों? उन्होंने कहा, “अगर एक देश द्वारा दूसरे पर हमला गलत है, तो यह हर मामले में गलत होना चाहिए, चाहे वह रूस हो या इजरायल।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने भी विदेश मंत्रालय से अपील की है कि ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा गया, “विदेश मंत्रालय से निवेदन है कि ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित की जाए। उनके परिजन बेहद चिंतित हैं। इस संकट के समय में हम छात्रों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं। उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने चाहिए।”

गौरतलब है कि शुक्रवार को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने यह कार्रवाई ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए की है। ईरानी मीडिया के मुताबिक, इस हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक शीर्ष कमांडर और दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई है।

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