ईरान-इज़राइल संघर्ष पर भारत की चिंता, शांति और कूटनीति की दी सलाह

भारत ने शुक्रवार को ईरान और इज़राइल से अपील की कि वे हालिया तनाव को बढ़ावा देने वाले किसी भी कदम से बचें और संयम बरतते हुए बातचीत और कूटनीति के रास्ते को अपनाएं। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा, "भारत दोनों पक्षों से आग्रह करता है कि वे तनाव बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि से परहेज करें। स्थिति को सामान्य करने और मूल मुद्दों के समाधान के लिए मौजूदा संवाद माध्यमों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"


यह बयान उस समय आया है जब इज़राइल ने ईरान के अंदर 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत व्यापक हवाई हमले किए, जिसमें ईरान की परमाणु और सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी टकराव में एक नई और गंभीर स्थिति को दर्शाती है।


भारत ने इन घटनाक्रमों पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि वह "परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमलों से संबंधित रिपोर्टों सहित घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहा है।" प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि भारत के ईरान और इज़राइल दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है।


MEA ने तेहरान और तेल अवीव स्थित भारतीय मिशनों को सक्रिय रहने और वहां मौजूद भारतीय समुदाय से संपर्क बनाए रखने का निर्देश दिया है। जायसवाल ने कहा, "दोनों देशों में मौजूद भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने, सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा सलाहों का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी गई है।" इज़राइल का यह सैन्य अभियान ईरान की परमाणु गतिविधियों को लेकर बढ़ती चिंता के बीच शुरू किया गया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे इज़राइल की सुरक्षा के लिए "पूर्व-आक्रामक और लक्षित सैन्य कार्रवाई" करार दिया। इज़राइली सेना के प्रवक्ता के अनुसार, यह अभियान  ईरान के परमाणु कार्यक्रम और लंबी दूरी की मिसाइल क्षमताओं को कमजोर करने के लिए सटीक और संयुक्त हमला था।

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