इजरायल के हमले पर मुस्लिम देशों की नाराज़गी, सऊदी, ओमान और जॉर्डन ने जताया विरोध

इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है। इन हमलों में नतांज स्थित परमाणु साइट पूरी तरह तबाह हो गई है। माना जा रहा है कि इस साइट पर ईरान यूरेनियम संवर्धन के ज़रिए परमाणु बम विकसित कर रहा था। इजरायल ने यह सैन्य कार्रवाई ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से की है। ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने पुष्टि की है कि हमलों में संगठन के शीर्ष कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। ईरानी मीडिया के अनुसार, IRGC का तेहरान स्थित मुख्यालय भी हमलों में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है।


सऊदी विदेश मंत्रालय ने इजरायल के आक्रमण की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है, "सऊदी अरब, अपने भाई जैसे देश ईरान के खिलाफ इजरायल के सैन्य हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यह हमला ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है।" गौरतलब है कि 2023 में चीन की मध्यस्थता से ईरान और सऊदी अरब के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ था। हालिया बयान उसी समझौते की भावना को दर्शाता है।

ओमान ने भी इजरायली हमले को "जघन्य सैन्य आक्रमण" करार देते हुए कहा, "यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। इजरायल इस बढ़ते तनाव का जिम्मेदार है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़ा रुख अपनाना चाहिए।"  जॉर्डन सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगी। संचार मंत्री मोहम्मद अल-मोमानी ने कहा, "जॉर्डन किसी के भी युद्धक्षेत्र के रूप में इस्तेमाल नहीं होगा। हमारी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और उस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"

मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के चलते यूएई ने क्षेत्रीय हवाई सेवाओं पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है। अबू धाबी स्थित एतिहाद एयरवेज ने अबू धाबी-तेल अवीव रूट की दो उड़ानें रद्द कर दी हैं, जबकि चार अन्य में देरी हो रही है।

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