GCC का पाकिस्तान को बड़ा संदेश, आतंकवाद पर भारत के साथ खाड़ी देश

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत ने सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है। भारतीय सांसदों का एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों खाड़ी देशों की यात्रा पर है, जहां वे पाकिस्तान की आतंकी साजिशों का पर्दाफाश कर रहे हैं। इस मुहिम के तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, ओमान और कतर जैसे देशों से भारत को जबरदस्त समर्थन मिला है।


यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने बताया कि इन देशों के रुख़ में अब एक उल्लेखनीय बदलाव देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद ही खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देशों ने आतंकवाद को एक साझा वैश्विक खतरा मानना शुरू किया था। लेकिन अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की पहल को लेकर जिस तरह से प्रतिक्रिया मिली है, वह ऐतिहासिक है। राजदूत सुधीर ने श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में यूएई पहुँचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की भूमिका की सराहना की और इसे 'बेहद सफल' यात्रा करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारे दृष्टिकोण को हर स्तर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। यूएई ने यह स्पष्ट किया कि वह भारत का सच्चा रणनीतिक साझेदार है, जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं।”

पहल की बात करें तो यूएई पहला ऐसा देश था जिसने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “आतंकवादी कृत्य” करार दिया। इस हमले के खिलाफ यूएई ने बिना किसी देरी के बयान जारी कर आतंकवाद के समूल नाश की आवश्यकता पर बल दिया। यूएई के साथ प्रतिनिधिमंडल की चर्चा में सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मामलों के मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान और विदेश, रक्षा व आंतरिक मामलों की समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी जैसे शीर्ष नेता शामिल रहे। इस संवाद के दौरान आतंकवाद के विरुद्ध मिलकर संघर्ष की आवश्यकता पर गहरी सहमति बनी।

राजदूत संजय सुधीर ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारत के नए, सक्रिय और निर्णायक दृष्टिकोण का प्रमाण है। हमने दुनिया को बता दिया है कि भारत की शांति-प्रियता को उसकी कमजोरी न समझा जाए।”

राजदूत ने भारत-यूएई संबंधों में बढ़ते व्यापारिक सहयोग पर भी रोशनी डाली। वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक है। इसके अतिरिक्त, भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) दोनों देशों के बीच संपर्क और सहयोग का एक नया अध्याय लिख रहा है।

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