SIR अभियान को लेकर विपक्ष का संसद में प्रदर्शन, राहुल- अखिलेश रहे मौजूद

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण- SIR अभियान को लेकर मंगलवार को मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने संसद परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अगुवाई में विपक्षी सांसदों ने मकर द्वार के बाहर एकजुट होकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया। सभी नेता हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर पहुंचे, जिन पर लिखा था-“लोकतंत्र की हत्या बंद करो”, “SIR मतदाता को मत तोड़ो”, और “SIR की जिद छोड़ो”। 


इस मुद्दे पर राजद सांसद मनोज झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर लोकतंत्र में मतदाता ही सुरक्षित नहीं है, तो लोकतंत्र कैसे सुरक्षित रहेगा? मुख्य चुनाव आयुक्त को इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।” विपक्ष का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के जरिए हाशिए पर खड़े समुदायों को चुनावी सूची से बाहर किया जा सकता है, जिससे उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।

SIR अभियान को लेकर बिहार विधानसभा में भी विरोध 

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ तीखा विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने सदन के बाहर बयान दिया, "हम सरकार को सदन में घुसने नहीं देंगे। जब वोट देने वाले ही सूची से बाहर कर दिए जाएंगे तो सरकार किसके नाम पर चलेगी? जनता के अधिकारों की हत्या हो रही है, और हम इसे हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।" विपक्षी विधायक काले कपड़ों में विधानसभा पहुंचे और मुख्य द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सदन के पोर्टिको में नारेबाजी की और मुख्य गेट को अवरुद्ध कर दिया, जिससे विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और सत्ता पक्ष के विधायकों को अंदर जाने से रोक दिया गया। स्थिति तनावपूर्ण होते देख सत्ता पक्ष के विधायक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को बैक गेट का ताला तोड़कर सदन में प्रवेश करना पड़ा।

SIR अभियान पर सुप्रीम कोर्ट और ECI की स्थिति

सुप्रीम कोर्ट और ECI की स्थिति SIR को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आधार, वोटर ID और राशन कार्ड को आवश्यक दस्तावेजों में शामिल करने की सलाह दी थी। हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 21 जुलाई को दायर हलफनामे में स्पष्ट किया कि वह इन दस्तावेजों को शामिल करने पर विचार नहीं कर रहा है। राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी नियम 267 के तहत कार्य स्थगन का नोटिस देते हुए सदन में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की। विपक्ष की चिंता इस बात को लेकर और गहरी है कि SIR की यह प्रक्रिया देशभर में फैल सकती है, जिससे लाखों गरीब और हाशिए पर मौजूद नागरिक मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।

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