
India-US ट्रेड डील से पहले ट्रंप का धमाका, टैरिफ पर वैश्विक सख्ती का संकेत
भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ दिनों से चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि अमेरिका 4 जुलाई से विभिन्न देशों को पत्र भेजना शुरू करेगा, जिनमें उनके लिए तय ‘रेसिप्रोकल टैरिफ रेट’ (पारस्परिक शुल्क दर) की जानकारी होगी। ट्रंप ने साफ किया कि उनका लक्ष्य जटिल व्यापार समझौतों के बजाय सीधे और नियंत्रित करने योग्य सौदों पर है, जिससे अमेरिका के साथ व्यापार करने वाले देशों को स्पष्ट रूप से बताया जा सके कि उन्हें कितनी दर से शुल्क देना होगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हमारे पास 170 से अधिक देश हैं, और आप हर एक से कितनी डील कर सकते हैं? मैं चाहता हूं कि यह प्रक्रिया आसान हो, इसलिए हम हर देश को पत्र भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा कि उन्हें अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए क्या टैरिफ देना है—20% हो या 30%।" ट्रंप प्रशासन ने हाल के दिनों में कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इनमें वियतनाम और चीन के साथ किए गए व्यापार समझौते भी शामिल हैं। उन्होंने भारत के साथ एक संभावित व्यापार समझौते की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यह समझौता भारत के लिए नए द्वार खोल सकता है।
इसके अलावा, उन्होंने थाईलैंड पर 36%, इंडोनेशिया पर 32%, जापान पर 24%, दक्षिण कोरिया पर 25%, मलेशिया पर 24% और यूरोपीय संघ पर 20% शुल्क लगाने का ऐलान किया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि ट्रंप ने ताइवान जैसे महत्वपूर्ण चिप निर्माण केंद्र पर भी 32 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी।
ट्रंप के इन फैसलों को अमेरिका की व्यापार नीति में एक कट्टर बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जहां वह पुराने बहुपक्षीय समझौतों को दरकिनार कर सीधे-सीधे रेसिप्रोकल टैरिफ के जरिये व्यापार संतुलन कायम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत के साथ प्रस्तावित डील पर सबकी नजर है, क्योंकि यह एशिया में अमेरिका की व्यापार रणनीति को नई दिशा दे सकती है।
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