मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अब गाजीपुर में रुकने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी गैंगस्टर एक्ट मामले में विधायक अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है। अदालत ने उन्हें मऊ विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के दौरान गाजीपुर स्थित अपने घर में सप्ताह में तीन रातें बिताने की इजाजत दी है। हालांकि, इस दौरान वह कोई राजनीतिक बयान नहीं दे सकेंगे। इससे पहले अदालत ने उन्हें सिर्फ लखनऊ स्थित सरकारी आवास में रहने की अनुमति दी थी।
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को यह राहत जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह की पीठ ने दी। पीठ ने 7 मार्च 2024 को दिए अपने आदेश को संशोधित करते हुए यह ढील दी, जिसमें अब्बास पर कई सख्त शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी गई थी। अदालत में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने बताया कि अब्बास अंसारी बीते कुछ तारीखों में अदालत में पेश नहीं हुए हैं। इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि संभवतः उन पर लगाई गई सख्त शर्तें ही उनकी अनुपस्थिति का कारण रही हों।
अब्बास अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल बीते छह महीने से न तो लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास से बाहर निकले हैं और न ही अपने विधानसभा क्षेत्र मऊ का दौरा कर सके हैं।
सिब्बल ने कहा, "लखनऊ से मऊ की दूरी 350 किलोमीटर है। ऐसे में एक दिन में जाकर वापस लौटना व्यवहारिक नहीं है। मेरा घर गाजीपुर में है, जो मऊ से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है। कृपया मुझे वहां रुकने की अनुमति दी जाए।"
इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों में आंशिक ढील देते हुए अब्बास को सप्ताह में तीन रात गाजीपुर स्थित अपने घर पर रुकने की अनुमति दे दी।
7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। इस दौरान उन्हें लखनऊ से बाहर जाने के लिए अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होती थी। साथ ही कोर्ट ने उन्हें किसी भी लंबित मामले पर सार्वजनिक बयान देने से रोक दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अंसारी उत्तर प्रदेश से बाहर न जाएं और किसी भी अदालत में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस को सूचित करें। कोर्ट ने पुलिस से छह सप्ताह में उनके आचरण की गोपनीय रिपोर्ट भी मांगी थी।
अब्बास अंसारी को 6 सितंबर 2024 को गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। 31 जनवरी को उन्होंने पुलिस मुठभेड़ की आशंका जताते हुए ट्रायल कोर्ट में वर्चुअल पेशी की अनुमति मांगी थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने सलाह दी थी कि वे इस याचिका के लिए हाईकोर्ट जाएं।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन पर चित्रकूट जिले के कर्वी थाने में दर्ज यूपी गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं 2 और 3 के तहत मामला दर्ज है, जिसमें नवनीत सचान, नियाज़ अंसारी, फराज़ खान और शाहबाज़ आलम खान भी नामजद हैं।