मौत की जांच से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज़, अंसारी परिवार को बड़ा झटका

मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा लगाए गए 'जेल में जहर देने' के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए याचिका खारिज कर दी है, जिससे अंसारी परिवार को एक बड़ा झटका लगा है। मुख्तार के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर की गई याचिका में मांग की गई थी कि इस संदिग्ध मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए और एफआईआर दर्ज की जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह मामला उसके न्यायिक दायरे में नहीं आता, इसलिए अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल रिट याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता। 


 पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में रहते हुए रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मजिस्ट्रेटी जांच में हार्ट अटैक को उनकी मौत का कारण बताया गया था। इसके बावजूद, मुख्तार के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें ‘स्लो पॉइजन’ देकर मारा गया। इन आरोपों के समर्थन में परिवार ने जेल से मुख्तार की कथित फोन कॉल का हवाला दिया जिसमें वह कहते हैं कि उन्हें जहर दिया जा सकता है। हालांकि, इस दावे को चिकित्सा रिपोर्टों ने खारिज कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और लखनऊ में की गई बिसरा जांच में जहर के कोई साक्ष्य नहीं मिले। 

इन रिपोर्टों के बावजूद, अंसारी परिवार ने संदेह व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में तर्क रखा था कि हालांकि न्यायिक जांच हुई है, पर अब तक परिवार को इसकी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि वह मुख्तार अंसारी की मेडिकल, मजिस्ट्रेटी और न्यायिक जांच रिपोर्ट याचिकाकर्ता को प्रदान करे। लेकिन बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में कोई हस्तक्षेप उचित नहीं है और याचिका खारिज कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय अंसारी परिवार के लिए न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक रूप से भी झटका माना जा रहा है, क्योंकि मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर पहले से ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बना हुआ है।

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article