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पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ा खुलासा, 14 स्थानीय आतंकवादी एजेंसियों के रडार पर

 26 Apr 2025

पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है। इसी बीच, खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय 14 स्थानीय आतंकवादियों की पहचान की है। ये सभी आतंकवादी 20 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के हैं और पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठनों को रसद, रणनीतिक सहायता और जमीनी सहयोग प्रदान कर रहे हैं।


सूत्रों के अनुसार, इन आतंकवादियों के तीन प्रमुख पाकिस्तान समर्थित संगठनों—हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)—से संबंध हैं। इनमें तीन हिजबुल, आठ लश्कर और तीन जैश से जुड़े हुए हैं। इनका नेटवर्क दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में फैला हुआ है। इनमें से कई नाम ऐसे हैं, जो पहले भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, डेन्टू नामक आतंकी 2021 से लश्कर का सदस्य है और सोपोर में जिला कमांडर के रूप में कार्यरत है। वहीं जैश से जुड़ा आसिफ अहमद शेख अवंतीपोरा में जिला कमांडर के रूप में सक्रिय है और 2022 से आतंकी गतिविधियों में शामिल है। अन्य कई नाम जैसे हारिस नजीर, आमिर वानी, यावर भट, जुबैर वानी और हारून रशीद गनई विभिन्न जिलों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

यह खुलासा ऐसे समय पर हुआ है जब 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए और 17 घायल हुए थे। जांच में सामने आया कि हमले में शामिल पांच आतंकवादियों में तीन पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनके स्केच—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा—पहले ही जारी किए जा चुके हैं। स्थानीय गुर्गों की पहचान आदिल गुरी और अहसान के रूप में की गई है। इन सभी पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने हमले की जगह का गहन निरीक्षण कर फोरेंसिक साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य हमले के लिए जिम्मेदार नेटवर्क का खुलासा करना और सभी आरोपियों को कानून के कटघरे में लाना है। यह कार्रवाई आतंक के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाती है और इस बात का संकेत है कि स्थानीय और विदेशी आतंकियों की मिलीभगत को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।