जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इस कायराना हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे। घटना के बाद भारत ने कड़े कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाते हुए अपनी सख्त मंशा जाहिर कर दी है। भारतीय नौसेना ने 26 अप्रैल को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर समुद्र में गश्त करते चार युद्धपोतों की तस्वीर साझा करते हुए संदेश दिया—"एकता में शक्ति; उद्देश्यपूर्ण उपस्थिति"—और #MissionReady व #AnytimeAnywhereAnyhow जैसे हैशटैग्स के साथ अपनी तैयारियों का प्रदर्शन किया।
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कड़े कदम उठाए। सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया, अटारी सीमा पोस्ट को बंद कर दिया गया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए। पाकिस्तान ने इसे 'युद्ध जैसी कार्रवाई' करार देने की कोशिश की, लेकिन भारत ने न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी आक्रामक रुख अपनाया।
भारतीय नौसेना ने इसी दौरान INS सूरत से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो उसकी उच्च परिचालन क्षमता को रेखांकित करता है।
भारतीय नौसेना, पाकिस्तान के मुकाबले कई गुना ज्यादा ताकतवर है। भारत के पास 293 युद्धपोत हैं जिनमें INS विक्रमादित्य और स्वदेशी INS विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत शामिल हैं। 16 पारंपरिक और दो परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के साथ भारत समुद्री क्षेत्र में अडिग स्थिति में है। इसके विपरीत पाकिस्तान के पास केवल 121 पोत हैं, जिनमें से कोई भी विमानवाहक पोत नहीं है, और उनकी अधिकांश पनडुब्बियां पुरानी हैं।
तकनीकी दृष्टि से भी भारत पाकिस्तान से काफी आगे है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, बराक-8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ भारत को एक निर्णायक बढ़त देती हैं, जबकि पाकिस्तान मुख्यतः चीन पर निर्भर है।
भारत की लगभग 7000 किलोमीटर लंबी तटरेखा और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सामरिक ठिकानों के साथ, भारत मलक्का स्ट्रेट जैसे वैश्विक व्यापार मार्गों पर भी नजर रख सकता है। पाकिस्तान के पास कराची, ग्वादर और पोर्ट कासिम जैसे केवल तीन प्रमुख बंदरगाह हैं, जो उसकी सीमित समुद्री क्षमता को दर्शाते हैं। 1971 के युद्ध के दौरान भारत ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तान की समुद्री आपूर्ति लाइनों को तबाह कर दिया था। आज भी भारतीय नौसेना संयुक्त राष्ट्र अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही है और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। मौजूदा हालात में, नौसेनिक ताकत की तुलना करना भी बेमानी है क्योंकि भारत हर मोर्चे पर पाकिस्तान से कहीं आगे है।