जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों और व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों को विभिन्न राज्यों में भेजा है। यह निर्णय हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
22 अप्रैल को, आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। इस हमले के बाद देशभर में रोष व्याप्त है।
उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मैंने अपने कैबिनेट सहयोगियों को देश के विभिन्न शहरों में भेजा है, ताकि वे अन्य राज्यों में रह रहे जम्मू-कश्मीर के निवासियों से मिल सकें और संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। राज्य सरकार अपने नागरिकों के साथ हर जगह खड़ी है।"
इससे पहले, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की पृष्ठभूमि में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। बैठक के बाद एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें शांति, एकता और न्याय के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दोहराया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम पहलगाम में हुए इस जघन्य और अमानवीय हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया। यह न केवल कश्मीरियत बल्कि भारत के विचार और मूल्यों पर भी सीधा हमला है, जो हमेशा एकता और सद्भाव के प्रतीक रहे हैं।"
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी हमले पर गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
नेताओं ने सामूहिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और आतंकवाद के खिलाफ ठोस और प्रभावी कदम उठाने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हालिया कदमों को समर्थन भी दिया।