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JPC बैठक में 'National Herald Ki Loot' वाला बैग लेकर पहुंचीं बांसुरी स्वराज, कांग्रेस पर बोला हमला

 22 Apr 2025

नई दिल्ली सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद बांसुरी स्वराज मंगलवार को जब 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में भाग लेने पहुंचीं, तो उनके साथ एक खास तरह का बैग था, जिसने सबका ध्यान खींचा। इस बैग पर बड़े अक्षरों में लिखा था – 'National Herald Ki Loot'।  यह बैग केवल एक सामान रखने का माध्यम नहीं था, बल्कि एक राजनीतिक प्रतीक भी बन गया। बैठक में शामिल होने के दौरान मीडिया की नजर जैसे ही उस बैग पर पड़ी, सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।



बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बांसुरी स्वराज ने नेशनल हेराल्ड मामले पर कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को केवल 50 लाख रुपये में यंग इंडिया लिमिटेड ने हासिल कर लिया, जिसमें 76 प्रतिशत हिस्सेदारी गांधी परिवार की है। उन्होंने इसे ‘देश की संपत्ति की खुली लूट’ बताया। बांसुरी ने कहा, “यह भ्रष्टाचार का एक ऐसा उदाहरण है, जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ—मीडिया— का भी दुरुपयोग हुआ है। यह मामला केवल आर्थिक अनियमितताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्थाओं की साख और सार्वजनिक विश्वास के खिलाफ अपराध है।”


उन्होंने आगे कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर की गई चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, और वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा समेत कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। यह चार्जशीट कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली और विचारधारा की झलक दिखाती है—जहां सार्वजनिक संसाधनों का निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को अदालत में होनी है, और उससे पहले ही बांसुरी स्वराज की यह प्रतीकात्मक 'प्रदर्शनी' राजनीतिक माहौल को और गरमा गई है।


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं—राहुल गांधी और सोनिया गांधी—के खिलाफ औपचारिक अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की है। इस आरोप पत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों समेत अन्य व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। यह शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 3 के तहत दर्ज की गई है, जो मनी लॉन्ड्रिंग को अपराध की श्रेणी में रखती है। इसे धारा 70 के साथ पढ़ते हुए, धारा 4 के तहत दंडनीय बताया गया है। साथ ही, कार्यवाही को अधिनियम की धारा 44 और 45 के प्रावधानों के तहत आगे बढ़ाया गया है। इस पूरे मामले की शुरुआत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दर्ज की गई शिकायत से हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार और उससे जुड़ी कंपनियों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्ति को यंग इंडिया लिमिटेड के जरिये बेहद कम कीमत में हड़प लिया, जिससे आर्थिक लाभ अर्जित किया गया।