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स्टालिन का केंद्र पर तीखा वार: "तमिलनाडु की गरिमा दिल्ली की दादागीरी से बड़ी है"

 18 Apr 2025

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य "कभी भी नई दिल्ली के शासन या दबाव के आगे नहीं झुकेगा।" उन्होंने यह बयान तिरुवल्लूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया, जहां उन्होंने तमिल आत्मसम्मान, क्षेत्रीय स्वायत्तता और संघीय ढांचे की रक्षा की बात को जोरदार तरीके से दोहराया।


मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें शाह ने कहा था कि "भाजपा 2026 तक तमिलनाडु में सरकार बनाएगी।" इस पर पलटवार करते हुए स्टालिन ने चुनौती भरे लहजे में कहा, “तमिलनाडु की जनता आत्मगौरव में विश्वास करती है। यहां सत्ता को खरीदने या डराने-धमकाने की राजनीति सफल नहीं होगी। तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो न तो केंद्र के दबाव में आता है और न ही दिल्ली की तानाशाही को स्वीकार करता है।” उन्होंने कहा कि भाजपा जिस तरह से अन्य राज्यों में ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसे केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोग कर सरकारों को अस्थिर करती है या विधायकों को तोड़ने की राजनीति करती है, वह तरीका तमिलनाडु में नहीं चलेगा।  उन्होंने जोर देकर कहा, “यह फॉर्मूला कहीं और चल सकता है, लेकिन तमिलनाडु में नहीं। हमारी राजनीति मूल्य-आधारित है, किसी सौदे या डर पर नहीं टिकी।"

मुख्यमंत्री ने अमित शाह और केंद्र सरकार से राज्य से जुड़े कुछ अहम और संवेदनशील मुद्दों पर भी जवाब मांगा। उन्होंने पूछा, "क्या अमित शाह यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि तमिलनाडु को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) से स्थायी छूट दी जाएगी?" "क्या वह यह वादा कर सकते हैं कि हिंदी या किसी अन्य भाषा को तमिलनाडु पर नहीं थोपा जाएगा?" "क्या केंद्र सरकार ने अब तक तमिलनाडु को कोई विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की है?" "क्या वह यह आश्वासन दे सकते हैं कि 2026 के बाद प्रस्तावित परिसीमन से तमिलनाडु की लोकसभा सीटों में कटौती नहीं की जाएगी?"

स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु का इतिहास भाषा, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष से भरा रहा है, और यह राज्य कभी भी अपनी अस्मिता से समझौता नहीं करेगा। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उस टिप्पणी पर भी स्टालिन ने नाराजगी जताई जिसमें प्रधान ने तमिलनाडु सरकार को "बेईमान" और उसके नागरिकों को "असभ्य" कहा था। उन्होंने इसे पूरे राज्य और उसकी जनता का अपमान बताया। “ऐसी टिप्पणी न केवल असंवेदनशील है, बल्कि एक राजनीतिक चाल भी है जिसका उद्देश्य लोगों को बांटना है। लेकिन तमिलनाडु ऐसी सस्ती राजनीति में नहीं फंसेगा,” स्टालिन ने कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यहां तक कि ओडिशा में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तमिलों को लेकर अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा “तमिल संस्कृति हजारों साल पुरानी है, और यह हर प्रकार के राजनीतिक आक्रमण और षड्यंत्र को झेलने की ताकत रखती है।"