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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: वामपंथी गठबंधन में दरार, संगठन अब अलग-अलग मैदान में

 18 Apr 2025

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ चुनाव को लेकर कैंपस में हलचल तेज हो गई है। इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि परंपरागत वाम गठबंधन टूट गया है। आइसा (AISA) और एसएफआई (SFI) इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि आइसा ने डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (DSF) के साथ गठबंधन कर लिया है। 


AISA के वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष धनंजय ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने एसएफआई को संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन एसएफआई अध्यक्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार पर अड़ा रहा, जबकि उनके पास स्पष्ट दावेदार नहीं था। उन्होंने कहा, "हमारे पास सक्रिय और सशक्त उम्मीदवार थे, इसलिए हमने इस वर्ष डीएसएफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।"

आइसा ने इस बार केंद्रीय पैनल के सभी चार पदों के लिए पीएचडी शोधार्थियों को मैदान में उतारा है: अध्यक्ष: नितीश कुमार,  उपाध्यक्ष: मनीषा,  महासचिव: मुंतहा फातिमा,  संयुक्त सचिव: नरेश कुमार
वहीं, एबीवीपी ने भी अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं: अध्यक्ष: शिखा स्वराज,  उपाध्यक्ष: निट्टू गौतम महासचिव: कुणाल राय, संयुक्त सचिव: वैभव मीना, एनएसयूआई ने भी किया पैनल का ऐलान: अध्यक्ष: प्रदीप ढाका,  उपाध्यक्ष: मोहम्मद कैफ,  महासचिव: अरुण प्रताप,  संयुक्त सचिव: सलोनी भारद्वाज ।

पिछले साल वाम मोर्चे ने केंद्रीय पैनल के चारों पदों पर जीत दर्ज की थी। आइसा के धनंजय अध्यक्ष चुने गए थे, जबकि उपाध्यक्ष अविजित घोष (एसएफआई), महासचिव प्रियांशी आर्या (बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और संयुक्त सचिव मोहम्मद साजिद (एसएफआई) बने थे। इस वर्ष मतदान 25 अप्रैल को दो चरणों में होगा — सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक। मतगणना उसी रात शुरू होगी और परिणाम 28 अप्रैल तक घोषित होने की संभावना है। गुरुवार को एसएफआई ने आरोप लगाया कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नामांकन वापसी की प्रक्रिया के दौरान चुनाव समिति के परिसर में जबरन घुसपैठ की और हिंसा की, जिससे प्रक्रिया बाधित हुई।