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सुप्रीम कोर्ट ने रोकी ट्रंप की नागरिकता नीति, 15 मई को होगी अहम सुनवाई

 18 Apr 2025

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनके उस विवादास्पद आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें अमेरिका में जन्मे बच्चों की जन्मसिद्ध नागरिकता समाप्त करने की बात कही गई थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मुद्दे पर विस्तार से दलीलें सुनने पर सहमति जताई है, और 15 मई को इस पर गहन सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अभी इस आदेश की संवैधानिक वैधता पर सीधा फैसला नहीं करेगा।


इसके बजाय, अदालत एक तकनीकी लेकिन बेहद महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करेगी – क्या देश की निचली अदालतों के न्यायाधीशों को पूरे अमेरिका में राष्ट्रपति की नीतियों को प्रभावी रूप से रोकने का अधिकार होना चाहिए या नहीं। यदि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के पक्ष में निर्णय देता है, तो यह एक महत्वपूर्ण कानूनी उदाहरण बन सकता है, जिससे भविष्य में कार्यपालिका को नीतियों को लागू करने में अधिक स्वतंत्रता मिल सकती है।

निचली अदालतों की रोक और ट्रंप सरकार की आपत्ति

इससे पहले, देश के तीन अलग-अलग संघीय न्यायाधीशों ने ट्रंप प्रशासन के आदेश को असंवैधानिक ठहराते हुए उस पर निषेधाज्ञा (injunction) जारी कर दी थी। जजों ने अपने फैसलों में कहा कि यह आदेश अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का सीधा उल्लंघन करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि अमेरिका में जन्मे लगभग सभी व्यक्ति देश की नागरिकता के पात्र होते हैं, चाहे उनके माता-पिता की कानूनी स्थिति कुछ भी हो। ट्रंप प्रशासन ने इन निर्णयों के खिलाफ आपात अपील दायर की और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि इन निषेधाज्ञाओं को हटाया जाए या सीमित किया जाए। सरकार का तर्क है कि स्थानीय न्यायालयों को राष्ट्रव्यापी नीतियों को बाधित करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने यह स्वीकार किया है कि मामला संवेदनशील और व्यापक प्रभाव वाला है, और इसलिए 15 मई को इस पर सुनवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का इस विषय पर सुनवाई तय करना, यह दर्शाता है कि ट्रंप प्रशासन के तर्कों को न्यायालय गंभीरता से ले रहा है। यदि अदालत ट्रंप प्रशासन के पक्ष में फैसला देती है, तो इससे उन्हें चुनिंदा राज्यों में अपनी नागरिकता नीति लागू करने की छूट मिल सकती है, जो कि अमेरिका की संघीय शासन व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि ऐसे बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता नहीं दी जाएगी, जिनके माता-पिता अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं या जिनके पास अस्थायी वीज़ा है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश न केवल संविधान बल्कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसलों के भी खिलाफ है। अमेरिका का 14वां संविधान संशोधन यह स्पष्ट करता है कि अमेरिका में जन्मा कोई भी व्यक्ति, जो देश के कानून के अधीन आता है, उसे अमेरिका की नागरिकता मिलेगी।