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Delhi: ‘डायनासोर की तरह मिट जाएंगे कचरे के पहाड़’, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का बड़ा दावा
17 Apr 2025

देश की राजधानी दिल्ली लंबे समय से कचरे के विशाल ढेरों—या यूं कहें 'कचरे के पहाड़ों'—की समस्या से जूझ रही है। चाहे वो गाजीपुर, भलस्वा या ओखला लैंडफिल साइट हो, इन जगहों पर वर्षों से जमा होता कचरा न सिर्फ दिल्ली की सुंदरता को बिगाड़ता है, बल्कि पर्यावरणीय और स्वास्थ्य से जुड़े कई गंभीर खतरे भी पैदा करता है।
इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए दिल्ली सरकार अब एक निर्णायक कदम उठाने का दावा कर रही है। गुरुवार को गाजीपुर लैंडफिल साइट का निरीक्षण करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अगले पांच वर्षों के भीतर राजधानी से कचरे के पहाड़ "डायनासोर की तरह गायब" हो जाएंगे।
सिरसा ने बताया कि सरकार पुराने कचरे के निस्तारण के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है, ताकि दिल्ली को इन बदसूरत और खतरनाक कचरे के ढेरों से मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा, “मैं वादा करता हूं कि अगले पांच वर्षों में दिल्ली के लैंडफिल साइट्स से कचरे के पहाड़ पूरी तरह साफ हो जाएंगे, जैसे डायनासोर इतिहास से गायब हो गए थे।” गाजीपुर लैंडफिल साइट पर इस समय लगभग 70 लाख मीट्रिक टन कचरा जमा है, जिसमें से अब तक 14 से 15 लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटान किया जा चुका है।
मंत्री ने बताया कि बायोमाइनिंग की प्रक्रिया को तेज किया गया है और अब लक्ष्य है कि आने वाले छह महीनों में प्रतिदिन 7000 से 8000 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जाए।
उन्होंने कहा, “मैंने एमसीडी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि नया ठेकेदार निर्धारित समयसीमा में प्रतिदिन कम से कम 8000 मीट्रिक टन कचरे का निपटान करे। यदि वे इसमें विफल रहते हैं तो उन पर आर्थिक दंड (पेनाल्टी) लगाया जाएगा।”
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार इस कार्य की दैनिक निगरानी के लिए दिल्ली सचिवालय में एक विशेष डैशबोर्ड की मदद ले रही है। इसके साथ ही एक अतिरिक्त एजेंसी को काम पर लगाने की संभावना भी तलाशी जा रही है, जिससे कचरे की प्रोसेसिंग में और तेजी लाई जा सके।
सिरसा ने कहा, “हमारा यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छ भारत मिशन' और 'विकसित भारत' के विज़न के अनुरूप है। हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली को इन कचरे के पहाड़ों से छुटकारा दिलाया जाए।”