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सोनिया-राहुल पर ED कार्रवाई के बीच कांग्रेस की अहम बैठक 19 अप्रैल को

 17 Apr 2025

कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक मामलों पर विचार-विमर्श के लिए 19 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में कांग्रेस के सभी महासचिव, प्रदेश प्रभारियों और प्रमुख संगठनों के प्रमुख भाग लेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में केवल संगठनात्मक मसलों पर ही नहीं, बल्कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हालिया कार्रवाई के जवाब में एक व्यापक रणनीति तैयार किए जाने पर भी चर्चा होगी। 


गौरतलब है कि 15 अप्रैल को ईडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की थी। इस शिकायत में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित कुछ कंपनियों और अन्य व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। यह मामला 25 अप्रैल को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में संज्ञान (cognizance) के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जहां इस चार्जशीट पर पहली सुनवाई होगी। ईडी ने अपनी शिकायत पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 44 और 45 के तहत दाखिल की है। 

इसमें आरोप है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य ने पीएमएलए की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है, जो धारा 4 के अंतर्गत दंडनीय है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने अपने आदेश में कहा कि ईडी के अनुसार, यह मामला पहले से ही रजिस्टर अपराध संख्या 18/2019 में दर्ज आरोपों से जुड़ा हुआ है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 403 (धोखाधड़ी से संपत्ति का प्रयोग), 406 (विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना) के तहत आरोप शामिल हैं। 


अदालत ने स्पष्ट किया कि पीएमएलए की धारा 44 (1)(c) के अनुसार, संबंधित अपराध (predicate offence) और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की सुनवाई एक ही न्यायालय में की जानी चाहिए, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में समन्वय बना रहे। यह मामला मूलतः भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, उनकी संबद्ध कंपनियों और अन्य व्यक्तियों पर नेशनल हेराल्ड अखबार के माध्यम से अवैध रूप से संपत्ति हासिल करने और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 19 अप्रैल की बैठक में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर क्या रुख अपनाती है और आगामी राजनीतिक एवं कानूनी लड़ाई के लिए किस तरह की रणनीति बनाती है।