Article

लगातार दूसरे दिन ED की पूछताछ, रॉबर्ट वाड्रा बोले – 'आज हम निशाने पर हैं, समय बदलेगा जरूर

 16 Apr 2025

हरियाणा के चर्चित शिकोपुर लैंड डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच जारी है। इस सिलसिले में कारोबारी और कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की जा रही है। बुधवार को वाड्रा एक बार फिर ईडी के दफ्तर पहुंचे। इस बार उनके साथ उनकी पत्नी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। दोनों जैसे ही ईडी कार्यालय पहुंचे, उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाया और फिर वाड्रा पूछताछ के लिए भीतर चले गए।


ईडी के समक्ष पेशी से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने साफ शब्दों में कहा, "हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। हम इस देश की राजनीति में प्रासंगिक हैं, इसलिए हमें निशाना बनाया जा रहा है। राहुल गांधी को संसद में बोलने से रोका जाता है, मुझे ईडी के जरिए परेशान किया जा रहा है। ये सब संयोग नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति है। लेकिन हम आसान लक्ष्य नहीं हैं, हम हार्ड टारगेट हैं।”

"समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता..."

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वाड्रा ने कहा, "समय कभी भी एक जैसा नहीं रहता। आज हम मुश्किलें झेल रहे हैं, लेकिन कल हालात बदलेंगे। तब शायद उन्हें जवाब देना होगा। मुझे किसी भी जांच से डर नहीं लगता क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे दो बार क्लीन चिट मिल चुकी है – खुद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस बात की पुष्टि की थी। लेकिन अब सात साल बाद वही पुराने मुद्दे फिर से उठाए जा रहे हैं। यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हो रहा है।"

रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी ईडी पेशी को लेकर फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट भी साझा किया। उन्होंने लिखा, “मेरे जन्मदिन के सप्ताह को सेवा सप्ताह के रूप में मनाने की योजना थी। मैंने बुजुर्गों को भोजन कराने और बच्चों को उपहार देने की व्यवस्था की थी। लेकिन कुछ दिनों के लिए इन योजनाओं को रोकना पड़ा। हालांकि लोगों की सेवा करने के मेरे संकल्प को कोई नहीं रोक सकता। मैं अन्याय के किसी भी रूप से डरने वाला नहीं हूं। मेरा विश्वास सत्य में है, और अंततः सत्य की ही जीत होगी।”

इससे पहले मंगलवार को ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया था। उस दिन वाड्रा ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया था। उन्होंने कहा था कि जब भी वे अल्पसंख्यकों या वंचित समुदायों की आवाज उठाते हैं, उन्हें सरकारी एजेंसियों के जरिए परेशान किया जाता है। वाड्रा ने कहा, “मैं पहले भी जांच में पूरा सहयोग करता रहा हूं और आगे भी करूंगा। लेकिन जिस तरह से बार-बार एक ही मुद्दे को उठाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग अब आम बात हो चुकी है।”