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Bihar Polls: ‘राजनीति कोई साधु-संत की दुनिया नहीं’, एनडीए से नाता तोड़ बोले पशुपति पारस

 14 Apr 2025

बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर सामने आया है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) ने सोमवार को सत्तारूढ़ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से नाता तोड़ने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह ऐलान करते हुए कहा, "एनडीए के सहयोगी दलों ने बार-बार हमारी अनदेखी और उपेक्षा की है, जिसके चलते हमें यह कठिन निर्णय लेना पड़ा है।"


‘2014 से साथ थे, लेकिन किया गया अन्याय’

पशुपति पारस ने कहा, “हम 2014 से एनडीए के साथ पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता से जुड़े हुए थे। हमने हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए गठबंधन धर्म निभाया। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ। चुनावों के दौरान और उसके बाद भी हमारी पार्टी को नजरअंदाज किया गया। हमें न तो कोई जिम्मेदारी दी गई और न ही कोई सम्मानजनक स्थान। ऐसा लगता है जैसे हमारी पार्टी के अस्तित्व को ही दरकिनार कर दिया गया, केवल इसलिए क्योंकि हम एक दलित समुदाय की आवाज़ हैं।”

पारस ने एनडीए की बैठकों और भाजपा-जेडीयू नेताओं के रवैये को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “बीते कुछ महीनों में जब भी बिहार में एनडीए की बैठकें हुईं, तब भाजपा और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्षों ने बार-बार 'पांच पांडवों' का ज़िक्र किया, लेकिन उसमें हमारी पार्टी का नाम तक नहीं लिया गया। यह साफ दर्शाता है कि वे हमें गठबंधन का हिस्सा ही नहीं मानते।” एनडीए से अलग होने के बाद पशुपति पारस ने यह भी स्पष्ट किया कि अब उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। 

उन्होंने कहा, “हम जनता के बीच जा रहे हैं, सदस्यता अभियान चला रहे हैं। आने वाले चुनावों के लिए पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेंगे।” महागठबंधन के साथ संभावित जुड़ाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में पशुपति पारस ने कहा, “अगर समय रहते महागठबंधन हमारी पार्टी को उचित सम्मान और भागीदारी देता है, तो हम भविष्य की राजनीति के बारे में ज़रूर विचार करेंगे। हमारी प्राथमिकता सम्मान है, न कि सत्ता।”