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ममता सरकार पर बरसे शुभेंदु अधिकारी, कहा- बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त, सेना भेजे केंद्र

 18 Apr 2025

पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि राज्य में अनुच्छेद 355 लागू किया जाए और सेना की तैनाती की जाए, ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। उन्होंने कहा, “बंगाल की सड़कों पर लोगों की निजी संपत्तियों को आग के हवाले किया जा रहा है। सार्वजनिक वाहनों में तोड़फोड़ की जा रही है, रेल और सड़क यातायात बाधित है, पुलिसकर्मी घायल हो रहे हैं — और इन सबके बीच राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।”   उन्होंने मांग की कि मुर्शिदाबाद, बीरभूम, मालदा, हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जैसे हिंसा-प्रभावित जिलों में तुरंत अनुच्छेद 355 लागू किया जाए। शुभेंदु अधिकारी ने यहां तक कहा कि “ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए मस्जिदों में शरण ले रहे हैं। राज्य में संविधान के अनुसार शासन नहीं चल रहा। ऐसे में केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।”

मुर्शिदाबाद के सुती इलाके में हालात उस वक्त बिगड़ गए जब शुक्रवार की जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने वक्फ कानून के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू होने के बावजूद जुलूस निकाला गया और राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया गया। जब पुलिस ने भीड़ को हटाने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस वैन में आग लगा दी, पथराव किया और बम जैसे विस्फोटक फेंके। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

उधर, मालदा जिले में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर धरना दिया, जिससे पूर्वी रेलवे की कई ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। हालात इतने बिगड़ गए कि जिला प्रशासन को सीमा सुरक्षा बल (BSF) से मदद मांगनी पड़ी। इस हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी सख्त रुख अपनाया है और राज्य सरकार को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शुभेंदु अधिकारी ने चेतावनी दी कि “अगर केंद्र अब भी चुप रहा, तो बंगाल अराजकता की तरफ बढ़ जाएगा।”