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ज्ञानवापी मामले के वक़ील का बड़ा कदम, वक्फ एक्ट 1995 को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

 11 Apr 2025

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए ज्ञानवापी मामले के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ऐलान किया कि वे वक्फ अधिनियम 1995 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उनका कहना है कि इस कानून में अब भी ऐसे कई प्रावधान मौजूद हैं जो संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन करते हैं और जिन्हें निष्प्रभावी करना आवश्यक है।

विष्णु जैन ने हाल ही में मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की सराहना करते हुए कहा कि यह कानून बेहद प्रभावी और संतुलित है, और इसके कई प्रावधानों को वे पूरी तरह समर्थन देते हैं। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत अच्छा और प्रभावी अधिनियम है। इसके जरिए वक्फ बोर्डों को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हालांकि, अब भी कुछ प्रावधान बचे हैं जिन्हें चुनौती देना आवश्यक है।"

जैन ने बताया कि वक्फ बोर्ड से संबंधित एक महत्वपूर्ण याचिका पर 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्धारित है, जिसमें वे स्वयं वकालत करेंगे। उन्होंने कहा, "वक्फ एक्ट में कुछ प्रावधान ऐसे हैं जो वक्फ संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड को अत्यधिक और मनमाना नियंत्रण प्रदान करते हैं। इन प्रावधानों का दुरुपयोग न केवल कानूनी रूप से अनुचित है, बल्कि यह व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है।"

वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर देशभर में मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी हैं। केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और भोपाल सहित कई राज्यों में संगठनों ने इस कानून को लेकर चिंता व्यक्त की है और सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर विपक्ष के विरोध को राजनीतिक अवसरवाद करार देते हुए आगामी 20 अप्रैल से दो सप्ताह का व्यापक जनजागरूकता अभियान शुरू करने की घोषणा की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वक्फ कानून के लाभों को जनता, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के सामने रखना और विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करना होगा।